शेख हसीना भारत में पूरी तरह सुरक्षित: सजीब वाजेद

वॉशिंगटन। बांग्लादेश में सत्ता से बेदखल की गई पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे मानवता-विरोधी अपराधों के मामले में सोमवार को विशेष ट्रिब्यूनल अपना फैसला सुनाएगा। फैसला पूरी तरह टीवी पर लाइव दिखाया जाएगा। देश भर में माहौल तनावपूर्ण है, और ठीक इस फैसले से एक दिन पहले हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने बड़े बयान दिए हैं। ‘अगर अवामी लीग पर लगा बैन नहीं हटाया गया तो फरवरी चुनाव नहीं होने देंगे।’ सजीब वाजेद ने कहा कि अवामी लीग के समर्थक फरवरी में होने वाले आम चुनावों को रोक देंगे अगर पार्टी पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि विरोध प्रदर्शन हिंसा का रूप भी ले सकते हैं। उनके मुताबिक, ‘वे फैसला सुना देंगे, और शायद मौत की सजा भी देंगे। लेकिन मेरी मां सुरक्षित हैं। भारत उन्हें पूरा सुरक्षा दे रहा है और उन्हें राज्य प्रमुख जैसा सम्मान मिल रहा है।’ बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना अगस्त 2024 में ढाका से भागकर दिल्ली पहुंची थीं और तब से वहीं रह रही हैं। उन्होंने पहले ही इस मुकदमे को ‘राजनीतिक चाल’ कहा था और दावा किया कि फैसले का रूख पहले से तय है। वहीं अंतरिम सरकार और अदालत का कहना है कि प्रक्रिया पारदर्शी है और हर रिकॉर्ड सार्वजनिक किया गया है। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि विपक्षी नेताओं की तरफ से हिंसा भड़काना ‘गैर-जिम्मेदाराना’ है।

इसी साल मई महीने में अंतरिम सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर अवामी लीग की राजनीतिक गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी थी। सरकार ने साफ कहा है कि प्रतिबंध हटाने की कोई योजना नहीं है। उनका आरोप है कि अवामी लीग ने सत्ता में रहते हुए अपराध किए और अब तक कोई ‘पश्चाताप’ नहीं दिखाया। वहीं सजीब वाजेद का कहना है कि वे फैसले के खिलाफ अपील तभी करेंगे जब चुनाव के जरिए कोई वैध लोकतांत्रिक सरकार बने और उसमें अवामी लीग की भागीदारी हो। वहीं रविवार को ढाका में कई जगह कच्चे बम फटे और बसों को आग लगाने की घटनाएं हुईं। 12 नवंबर को भी 30 से ज्यादा धमाकों की रिपोर्ट आई थी। इस बीच सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जिसमें 400 से अधिक बॉर्डर गार्ड्स तैनात किए गए हैं, चेकपोस्ट भी मजबूत किए गए हैं, इसके साथ ही सार्वजनिक सभाओं पर पाबंदी भी लगाई गई है। सरकार का कहना है कि फिलहाल उसकी पहली प्राथमिकता ‘स्थिति को शांत रखना और लोगों की सुरक्षा’ है।

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