देश में तय समय पर ही होंगे आम चुनाव: प्रधानमंत्री कार्की

प्रधानमंत्री कार्की

काठमांडू। नेपाल की नई प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने सोमवार को कहा कि उनकी अंतरिम सरकार देश में आम चुनाव तय समय पर कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने और सरकार का सहयोग करने की अपील की। बता दें कि, 73 वर्षीय सुशीला कार्की ने 12 सितंबर को प्रधानमंत्री पद संभाला था। इससे पहले देश में कई दिनों तक राजनीतिक अस्थिरता बनी रही थी। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद से हटाया गया था, क्योंकि उनकी सरकार के खिलाफ युवा वर्ग, खासकर ‘जेन-जी’ समूह ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए थे। इन प्रदर्शनों में भ्रष्टाचारऔर सोशल मीडिया पर प्रतिबंध को लेकर गुस्सा देखा गया था।

नेपाल के सबसे बड़े और प्रमुख हिंदू त्योहार बड़ा दशैं (विजयादशमी) के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री कार्की ने कहा कि उनकी सरकार समय पर चुनाव कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘हमारा वादा है कि प्रतिनिधि सभा के चुनाव तय समय पर होंगे। मैं देश और विदेश में रहने वाले सभी नेपाली भाइयों-बहनों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना करती हूं।’ राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी इस मौके पर जनता से शांति बनाए रखने और चुनाव की तैयारी में सहयोग देने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए एक स्थायी सरकार और संसद जरूरी है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘तय समय पर चुनाव हो, हर कोई शांत रहे और सहयोग करे ताकि जनता द्वारा चुनी गई सरकार और संसद बनी रह सके। इससे देश की समस्याओं का समाधान और मौजूदा संकट से जल्दी राहत मिलेगी। मैं मां दुर्गा से प्रार्थना करता हूं कि वह हम सभी को शक्ति दें।’ राष्ट्रपति पौडेल ने देश में शांति, स्थिरता, सुशासन और समृद्धि की भी कामना की।

प्रधानमंत्री कार्की और राष्ट्रपति पौडेल की 23 सितंबर को मुलाकात हुई थी, जिसमें समय पर चुनाव कराने से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बैठक के बाद राष्ट्रपति ने मतदाता पंजीकरण कानून में संशोधन से संबंधित एक अध्यादेश जारी किया। इसके तहत नए मतदाताओं के नाम चुनाव से पहले मतदाता सूची में जोड़े जा सकेंगे। राष्ट्रपति पौडेल ने प्रधानमंत्री कार्की की सिफारिश पर प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया और 5 मार्च 2026 को आम चुनाव की तारीख घोषित कर दी। वर्तमान में नेपाल में कुल 1 करोड़ 81 लाख 68 हजार पात्र मतदाता हैं, जो आगामी आम चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। ओली सरकार के दौरान भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ युवाओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए। इन प्रदर्शनों के हिंसक होने के बाद सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा। आखिरकार राजनीतिक संकट गहराने पर राष्ट्रपति पौडेल ने ओली सरकार को बर्खास्त कर दिया और सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया।

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