अमेरिका में घटेगी दवाओं की कीमत

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वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया है कि वे अमेरिका के लोगों को दवाओं के ऊंचे दामों से राहत दिलाएंगे। ट्रंप ने कहा कि वे सोमवार को एक आदेश पर दस्तखत करेंगे, जिससे अमेरिका में कुछ दवाओं की कीमतें घट सकती हैं। यह वही कोशिश है जो उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में की थी लेकिन पूरी नहीं हो पाई थी। ट्रंप ने रविवार को अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘मैं ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (सबसे पसंदीदा राष्ट्र) नीति लागू करूंगा, जिसके तहत अमेरिका वही कीमत चुकाएगा जो दुनिया में किसी देश ने सबसे कम चुकाई है।’ उन्होंने कहा कि इससे अमेरिकी नागरिकों के स्वास्थ्य खर्च में ऐतिहासिक कमी आएगी। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप की तरफ से ‘ट्रिलियन्स ऑफ डॉलर्स’ की बचत का दावा कुछ ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर कहा गया है।

यह आदेश मुख्य रूप से उन दवाओं पर लागू होगा जो डॉक्टर के ऑफिस में दी जाती हैं, जैसे कि कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली इंजेक्शन और ड्रिप। इसे मेडिकेयर पार्ट बी कहा जाता है, जो अमेरिका के करीब 70 मिलियन बुजुर्गों को स्वास्थ्य बीमा देता है। लेकिन आमतौर पर लोग जो दवाइयां फार्मेसी से खरीदते हैं, उन पर इस आदेश का असर नहीं पड़ेगा। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के अंत में भी ऐसा ही आदेश जारी किया था। लेकिन तब अदालत ने इस आदेश को रोक दिया था। अब ट्रंप इसे फिर से लागू करने का वादा कर रहे हैं।

दवा उद्योग इस नीति का विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि अगर दवाओं के दाम कम किए गए तो इससे उनके मुनाफे पर असर पड़ेगा और नई दवाओं के शोध व विकास में रुकावट आ सकती है। दवा कंपनियों का मानना है कि विदेशी सरकारें दवाओं की कीमतें तय करती हैं और अमेरिका को उनके हिसाब से नहीं चलना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दवा कंपनियों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये कंपनियां सालों से रिसर्च और डेवलपमेंट के नाम पर अमेरिकी लोगों से ज्यादा पैसे वसूलती रही हैं। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों का राजनीतिक चंदा तो चमत्कार कर सकता है, लेकिन वे और उनकी पार्टी अब सही कदम उठाएंगे। ट्रंप ने वादा किया, हम अब सही काम करेंगे।

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