
ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित भीड़भाड़ वाले कोरेल झुग्गी-बस्ती में लगी भीषण आग ने करीब 1,500 झोपड़ियों को जला दिया या नुकसान पहुंचाया। इसके चलते यहां रहने वाले हजारों लोग बेघर हो गए। हालांकि, किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक, आग मंगलवार शाम को लगी और लगभग 16 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बुधवार को बुझाई जा सकी। अग्निशमन सेवा के ड्यूटी अधिकारी राशिद बिन खालिद ने बताया कि आग को पूरी तरह नियंत्रित करने में काफी समय लग गया। दमकल सेवा के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद ताजुल इस्लाम चौधरी ने कहा कि करीब 1,500 झोपड़ियां जलकर राख हो गईं या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुईं, जिससे बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कोरेल स्लम में करीब 60,000 परिवार रहते हैं, जिनमें से कई जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होकर आए शरणार्थी हैं। 160 एकड़ (65 हेक्टेयर) में फैला यह बस्ती ढाका के पॉश गुलशन और बनानी क्षेत्रों के बीच स्थित है और इसके चारों ओर ऊंची-ऊंची इमारतें हैं।
बताया जाता है कि आग लगने के बाद बस्ती में भारी धुआं फैल गया और निवासी रातभर अपनी झोपड़ियों को आग की लपटों में घिरते देखते रहे। बुधवार को लोग मलबे से अपनी बची-कुची चीजें निकालने की कोशिश करते दिखे। दमकलकर्मियों ने बताया कि बेहद संकरी गलियां होने के कारण मौके तक पहुंचना उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। ढाका, जिसकी आबादी 2024 तक लगभग 1.02 करोड़ है, में सैकड़ों झुग्गी बस्तियां हैं, जहां ग्रामीण क्षेत्रों से गरीबी और शोषण के कारण लोग आकर बसते हैं। जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न आपदाएं भी लोगों को शहर की इन बस्तियों में रहने को मजबूर करती हैं, जहां वे रिक्शा चलाने, घरेलू कामकाज और सफाई कार्य जैसे दिहाड़ी कार्यों से गुजारा करते हैं।
