एक इंच जमीन भी आंतक के लिए नहीं करने देंगे इस्तेमाल: मसूद बिन मोमेन

मसूद बिन मोमेन

ढाका। बांग्लादेश में सात जनवरी को आम चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना लगातार चौथी बार पीएम पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, विदेश सचिव मसूद बिन मोमेन ने आगामी चुनाव का भारत और अन्य पड़ोसी देशों पर क्या असर पड़ेगा इस पर बात की। विदेश सचिव मसूद बिन मोमेन ने कहा कि भारत-बांग्लादेश संबंध 1971 से शुरू होने वाले बहुत मजबूत नींव और भारतीय सैनिकों के बलिदान पर बने हैं। इन वर्षों में ये संबंध मजबूत हुए हैं। हाल ही में कई स्तरों पर, हमारे संबंध और खिल गए हैं। उन्होंने कहा, ‘एक बात जो मैं देखना चाहूंगा वह है कनेक्टिविटी में अधिक प्रगति और पारस्परिक आर्थिक लाभ के साथ संयुक्त परियोजनाएं। इस दिशा में कुछ नींव रखी जा चुकी हैं। इसलिए बांग्लादेश और बाद में भारत दोनों में आगामी चुनावों में अच्छे परिणामों के साथ इन विभिन्न कनेक्टिविटी से संबंधित परियोजनाओं को और मजबूत किया जाएगा।’

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध के साथ-साथ दोनों पक्षों से माल ढुलाई की अधिक मात्रा के संदर्भ में विकसित हुए हैं। इसलिए हम दोनों अर्थव्यवस्थाओं की पूरकताओं की क्षमता का पूरा उपयोग करना चाहेंगे। हम जापानियों की मदद से इस मातरबाड़ी बंदरगाह समर्थन का निर्माण कर रहे हैं। इसलिए यह न केवल पूर्वोत्तर भारतीय राज्यों के लिए बल्कि भूटान और नेपाल के लिए भी नई संभावनाएं खोल सकता है।

मोमेन ने कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना किसी भी तरह के आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की अपनी नीति पर दृढ़ हैं। इसके साथ ही वह बांग्लादेश की एक इंच जमीन भी हमारे पड़ोसियों (चाहें वो भारत हो या म्यांमार) के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने के अपने वादे पर भी खड़ी हैं। इससे स्थिरता के मामले में कुछ पूर्वोत्तर राज्यों को लाभ हुआ और हम प्रगति भी देख रहे हैं। लेकिन हम अगले स्तर पर जाना चाहेंगे।

विदेश सचिव ने कहा, ‘किसी भी अर्थव्यवस्था को एक विशेष क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उसके आर्थिक क्षेत्रों की नीतियों और कार्यक्रमों में कुछ निरंतरता होनी चाहिए। यदि नीतियों में परिवर्तन होता रहता है, तो कार्यक्रमों के परिवर्तन के साथ आर्थिक प्रगति भी बाधित होती है। लेकिन हमने देखा है कि पिछले 15 वर्षों में प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में हमारी आथक प्रगति निरंतर रही है और हमारे कार्यक्रम वास्तव में सफल रहे हैं। असमानता को नियंत्रण में रखा गया है और विशेष रूप से महिला बलों को मुख्यधारा में लाना भी पिछले कुछ वर्षों में बहुत दिखाई दिया है।’ मोमेन ने कहा, ‘भू-राजनीतिक क्षेत्र में, हम बहुत तनाव देखते हैं। हमारे क्षेत्र में बहुत सारी प्रतिद्वंद्विता चल रही हैं, लेकिन बांग्लादेश अब तक इस कठिन समय से निपटने में कामयाब रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने समय-समय पर दोनों देशों के संबंधों के सुनहरे अध्याय पर प्रकाश डाला है।’

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