
रियाद/न्यूयॉर्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को रोकने के लिए ‘सफलतापूर्वक एक ऐतिहासिक संघर्षविराम’ करवाया। ट्रंप ने सऊदी अरब की राजधानी में सऊदी-अमेरिका निवेश मंच में कहा कि उनकी सबसे बड़ी कोशिश होगी कि वह दुनिया में शांति और एकता लाने वाले शख्स बनें। ट्रंप ने कहा, ‘जैसा कि मैंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा था, मेरी सबसे बड़ी कोशिश है कि मैं शांति स्थापित करने वाला और एकता लाने वाला बनूं। मुझे युद्ध पसंद नहीं है। वैसे हमारे पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेना है। कुछ दिन पहले ही मेरी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ रही हिंसा को रोकने के लिए ऐतिहासिक संघर्ष विराम करवाया। इसके लिए मैंने व्यापार का उपयोग किया। और मैंने कहा, दोस्तों, चलो एक समझौता करते हैं। चलो व्यापार करते है। चलिए परमाणु मिसाइलों का व्यापार नहीं करते हैं। चलिए उन चीजों का व्यापार करते हैं जो आप इतनी खूबसूरती से बनाते हैं। दोनों देशों के पास ताकतवर, मजबूत, अच्छे और समझदार नेता हैं। और सब कुछ रुक गया। उम्मीद है कि यह स्थिति बनी रहेगी, लेकिन सब कुछ रुक गया।’
इसके बाद वहां मौजूद उच्च स्तरीय नेताओं, अधिकारियों और दर्शकों ने तालियां बजाईं। दर्शकों में अरबपति कारोबारी एलन मस्क भी मौजूद थे। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी तालियां बजाईं। अमेरिकी राष्ट्रपति खाड़ी देशों के चार दिवसीय दौरे के पहले चरण में सऊदी अरब में हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह विदेश मंत्री मार्को रुबियो और बाकी सभी लोगों पर गर्व करते हैं, जिन्होंने इस काम में कड़ी मेहनत की। उन्होंने आगे कहा,’मार्को खड़े हो जाइए। आपने कितना शानदार काम किया। धन्यवाद। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, मार्को और पूरी टीम ने मिलकर काम किया। शानदार काम किया। मुझे लगता है कि अब वे एक-दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा, शायद हम उन्हें एक साथ खाने पर बुलाएं, मार्को, क्या यह अच्छा नहीं होगा? हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं। और यह संघर्ष, जो छोटा था और दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था, उसमें लाखों लोग मारे जा सकते थे।
एक दिन पहले भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह दावा दोहराया था कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक ‘परमाणु युद्ध’ को रोका और दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों से कहा कि अगर वे शांति बनाए रखते हैं तो अमेरिका उनके साथ ‘बहुत सारा व्यापार’ करेगा। भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद एक समझौते पर पहुंचकर संघर्ष समाप्त करने का फैसला किया। भारतीय सरकार के सूत्रों के मुताबिक कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने सभी जमीनी, हवाई और समुद्री सैन्य कार्रवाई को तुरंत रोकने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।
शनिवार को ट्रंप ने घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान एक ‘पूर्ण और त्वरित संघर्षविराम’ पर सहमत हो गए हैं, जो अमेरिका की मध्यस्थता में पूरी रात की बातचीत के बाद हुआ। बाद में ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करके भारत और पाकिस्तान के बीच ‘एतिहासिक और साहस भरा’ समझौता करवाने का श्रेय अमेरिका को दिया और कहा कि वह कश्मीर मुद्दे पर भी मदद करना चाहते हैं। भारत हमेशा से यह कहता आया है कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती। भारत का यह भी कहना है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश हैं और हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा रहेंगे।