
पेशावर। पाकिस्तान के पूर्व रक्षा मंत्री और अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी परवेज खट्टक ने कहा कि उन्होंने एक नई पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्लियामेंटेरियन्स’ बनाई है। खट्टक पीटीआई सरकार के दौरान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के महासचिव और खैबर-पख्तूनख्वा (केपीके) के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने नौ मई की हिंसा के तुरंत बाद पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था। हालांकि, पार्टी ने पिछले सप्ताह कारण बताओ नोटिस का जवाब देने में विफल रहने पर उनकी सदस्यता समाप्त कर दी थी।
73 वर्षीय नेता ने खट्टक पेशावर में एक कार्यक्रम में नई पार्टी के गठन की घोषणा की। इस कार्यक्रम में पीटीआई के कई पूर्व सांसद भी शामिल हुए। उन्होंने खैबर-पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री महमूद खान (2018-2022) सहित 57 से अधिक पूर्व सांसदों के समर्थन का दावा किया। महमूद खान और शौकत अली यूसुफजई सहित कई पूर्व प्रांतीय मंत्री भी खट्टक शिविर में शामिल होने वालों में से हैं।
खट्टक ने कहा कि पीटीआई के अधिकांश पूर्व विधायकों ने देश में नौ मई को हुई दुखद घटना के कारण पार्टी छोड़ दी है। खट्टक ने कहा, हम नौ मई की घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें देशभर में पीटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई। उन्होंने कहा कि पीटीआई सुप्रीमो की देश-विरोधी भावनाओं ने पार्टी को उसके गढ़ खैबर-पख्तूनख्वा में नुकसान पहुंचाया, जहां उसने लगभग 10 वर्षों (2013-2022) तक शासन किया।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि खट्टक द्वारा खैबर-पख्तूनख्वा में ‘पीटीआई पार्लियामेंटेरियन्स’ के गठन से खान की पार्टी प्रांत में हाशिए पर चली जाएगी। नौ मई की घटनाओं के बाद से उनके खान के साथ अच्छे संबंध नहीं थे और हिंसा की निंदा नहीं करने के लिए उन्होंने लगातार पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा।
खट्टक 2013-2018 तक केपीके के मुख्यमंत्री रहे, पीटीआई ने 2013 के आम चुनावों में बहुमत के साथ राज्य चुनाव जीता था। 2013 में खैबर-पख्तूनख्वा देश का एकमात्र प्रांत था जहां पीटीआई सत्ता में आई थी। 2013 के चुनाव में केंद्र में पीएमएल-एन, सिंध में पीपीपी और बलूचिस्तान में जेयूआईएफ गठबंधन की सरकार बनी थी। खट्टक केपीके के एक वरिष्ठ राजनेता हैं जिन्होंने पीपीपी में भी काम किया और पिछली सरकारों के दौरान प्रांतीय मंत्री रहे।
इस समय जब देश अक्टूबर-नवंबर में संभावित आम चुनावों की ओर बढ़ रहा है, पीटीआई पार्लियामेंटेरियन्स का गठन निश्चित रूप से प्रांत में पीटीआई की लोकप्रियता को बड़ा झटका देगा। पीटीआई ने 2018 के आम चुनावों में उल्लेखनीय बहुमत हासिल किया था, उसने 145 सदस्यीय सदन में 100 से अधिक सीटें हासिल की थीं। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब पीटीआई संकट में है और इसके चैयरमैन खान को कई मामलों का सामना करना पड़ रहा है और अयोग्य ठहराए जाने का खतरा है, जबकि पार्टी के कई नेताओं ने नौ मई के बाद उनका साथ छोड़ दिया है। ‘पीटीआई पार्लियामेंटेरियन्स’ का लॉन्च दो पत्रकारों की हिरासत के कारण बाधित हुआ, जिन्हें कार्यक्रम के मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने के लिए हिरासत में लिया गया था।