
बिच्छू डॉट कॉम। तालिबान पूरी दुनिया में मान्यता के लिए जूझ रहा है, लेकिन मैं नहीं मानता कि वह बदल गया है। यह कहना है अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का। वह एबीसी न्यूज के जॉर्ज स्टेफैनोपॉल्स को इंटरव्यू दे रहे थे जो गुरुवार सुबह प्रसारित हुआ। बाइडेन ने कहा कि तालिबान अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय में वह अपनी मान्यता चाहता है, पर मुझे नहीं लगता कि तालिबान में कोई बदलाव हुआ है।अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह भविष्यवाणी नहीं की जा सकती कि तालिबान अमेरिकियों को अफगानिस्तान से बाहर जाने देगा। वजह, उसकी फितरत ऐसी रही है कि उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इसको देखते हुए अमेरिकी सैनिक तब तक अफगानिस्तान में रहेंगे जब तब कि सभी अमेरिकी वहां से सुरक्षित बाहर नहीं निकल जाते हैं। अगर इसके लिए 31 अगस्त की तय समय-सीमा का उल्लंघन भी करना पड़े तब भी चलेगा। गौरतलब है कि जो बाइडेन इन दिनों अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों को हटाने के अपने फैसले का बचाव करते नजर आ रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि अमेरिकी वोटर अफगानिस्तान में 20 साल पुराने युद्ध का अंत चाहते हैं। साथ ही अफगान लोगों के देश छोड़कर भागने के दिल दहलाने वाले वाकयों के लिए भी उन्हें माफी मिल जाएगी।
इस दौरान बाइडेन ने कहा कि अमेरिकी इंटेलिजेंस को इस बात का अनुमान भी नहीं था कि सब कुछ इतनी जल्दी हो जाएगा। उनका आशय अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के तालिबान के तेजी से उभरने को लेकर था। नतीजा यह हुआ कि अमेरिकी सेना को अपने लोगों के बचाव के लिए खास अभियान चलाना पड़ा। काबुल में पिछले हफ्ते जिस तरह से हालात बदले हैं उन्हें लेकर खुद अमेरिकी लोग भी हैरान हैं। खासतौर पर उन्हें उस घटना से सबसे ज्यादा मर्माहत किया है, जिसमें टेक ऑफ करते अमेरिकी मिलिट्री जहाज से कुछ लोग लटकते हैं और कुछ ही देर बार गिरकर मर जा जाते हैं।
वहीं अमेरिका के दोनों दलों के सांसदों ने प्रशासन से अफगानिस्तान के हालात पर ज्यादा से ज्यादा सूचना उपलब्ध कराने के लिए कहा है। इसमें वहां पर तालिबान की स्थिति, देश छोड़ रहे अमेरिकी और अमेरिका के मददगारों के बारे में जानकारी मांगी गई है। जानकारी के मुताबिक सोमवार को हाउस इंटेलिजेंस कमेटी को अफगानिस्तान पर एक ब्रीफिंग दी जाएगी। मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि इसमें विभिन्न इंटेलिजेंस एजेंसियां जानकारी देंगी। गौरतलब है कि अफगानिस्तान मामले को लेकर बाइडेन को विभिन्न मोर्चों पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस पर इंटरव्यू में बाइडेन ने कहा कि उन्होंने जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बात की है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी बात करेंगे।