
वेटिकन सिटी। पोप लियो 14वें ने सोमवार को दुनियाभर में जेलों में बंद पत्रकारों की रिहाई की अपील की। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति और प्रेस की आजादी एक अनमोल तोहफा है। उन्होंने यह बात बात उस समय कही, जब वह रोम में करीब 6,000 पत्रकारों में से कुछ से मिले। ये पत्रकार पहले पोप को चुनने की प्रक्रिया (कॉनक्लेव) को कवर करने पहुंचे थे। पहले अमेरिकी पोप (69 वर्षीय) वेटिकन ऑडिटोरियम में पत्रकारों से मिलने पहुंचे। उन्हें देखते ही लोगों की भीड़ ने खड़े होकर तालियों से उनका स्वागत किया। यह उनका आम लोगों से मिलने का पहला कार्यक्रम था। उन्होंने पत्रकारों से आग्रह किया कि वे शब्दों का इस्तेमाल शांति के लिए करें, युद्ध का विरोध करें और उन लोगों की आवाज बनें, जिनकी कोई आवाज नहीं है।
उन्होंने उन पत्रकारों के साथ एकजुटता जताई, जो सच की तलाश और रिपोर्टिंग करते हुए जेल में डाले गए हैं। पोप ने उनकी रिहाई की अपील की। इस पर वहां मौजूद लोगों ने एक बार फिर तालियां बजाईं। उन्होंने कहा, जो पत्रकार युद्ध जैसी खौफनाक स्थिति में रिपोर्टिंग करते हैं, वे मानव गरिमा, न्याय और सूचना के अधिकार के सच्चे रक्षक हैं। एक जानकारी रखने वाला व्यक्ति की स्वतंत्र फैसले ले सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इन जेल में बंद पत्रकारों का दर्द दुनियाभर की सरकारों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अंतररात्मा को झकझोरता है। यह हम सबको याद दिलाता है कि हमें अभिव्यक्ति और प्रेस की आजादी की रक्षा करनी चाहिए।