लाहौर। लाहौर में एक एंटी-टेररिज्म कोर्ट (एटीसी) ने मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान के जमान पार्क स्थित आवास की तलाशी वारंट को ‘अमान्य’ घोषित कर दिया। पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक, एटीसी जज अबहर गुल खान ने पीटीआई प्रमुख की याचिका पर सुरक्षित फैसला सुनाते हुए कहा कि एक बार का सर्च वारंट हमेशा के लिए नहीं होता है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने जमान पार्क निवास के लिए तलाशी वारंट को रद्द करने का अनुरोध करते हुए लाहौर की एंटी-टेररिज्म कोर्ट का रुख किया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने याचिका में राज्य, लाहौर के कमिश्नर, डीआईजी ऑपरेशन लाहौर, एसएसपी ऑपरेशन लाहौर और अन्य को प्रतिवादी बनाया था। पुलिस ने 18 मई को एटीसी से इमरान खान के जमान पार्क आवास के लिए तलाशी वारंट हासिल किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि केंद्र सरकार अकल्पनीय स्तर तक गिर रही है और पीटीआई कार्यकर्ताओं को धमकी दी जा रही है कि उनके घर से महिलाओं को उठा लिया जाएगा। वीडियो लिंक के जरिए जनता को संबोधित करते हुए खान ने दावा किया कि पीटीआई कार्यकर्ताओं को धमकी दी जा रही है कि उनके घर से महिलाओं को ले जाया जाएगा। सरकार इस स्तर तक गिर गई है। कोई भी पाकिस्तान की राजनीति में इस स्तर तक गिरने की कल्पना नहीं कर सकता था। खान ने कहा कि अधिकारी महिलाओं को रिहा करने से डर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों को पता है कि आगजनी की घटनाओं में कोई भी महिला शामिल नहीं थी। मुश्किल से 100 से 150 लोग हिंसा में शामिल रहे होंगे। बाकी लोग शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे।
पीटीआई पर कार्रवाई का जिक्र करते हुए इमरान ने कहा कि पाकिस्तान सरकार की कार्रवाई के बाद भी कुछ ही लोगों ने पार्टी छोड़ी है। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं के संबंध में खान ने कहा कि पार्टी छोड़ने वालों में से इस बार अधिकांश को टिकट नहीं मिलने वाला था। उन्हें राजनीतिक करियर खत्म होने का डर था।