
टोक्यो। प्रशांत महासागर समेत अपने दक्षिण पश्चिमी तटों पर बढ़ती चीन की सैन्य गतिविधियों ने जापान की चिंता बढ़ा दी है। बीजिंग के लगातार बढ़ रहे दखल को जापान ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में सबसे बड़ी रणनीतिक चुनौती बताया है। जापानी रक्षा मंत्रालय ने कैबिनेट को सौंपी 534 पन्ने की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि रूस के साथ बढ़ता चीन का संयुक्त अभियान, ताइवान के आसपास बढ़ता तनाव और उत्तर कोरिया से आने वाले खतरे जापान के लिए गंभीर सुरक्षा चिंता पैदा कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक समाज एक नए संकट के दौर में है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। रिपोर्ट में चीन-अमेरिका के बीच बढ़ रहे संघर्ष को लेकर भी चिंता जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा खतरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में केंद्रित हैं। भविष्य में यह और भी बदतर हो सकते हैं। जापान ने रिपोर्ट में कहा है कि प्रशांत क्षेत्र में चीनी युद्धपोतों की प्रगति लगातार बढ़ी है। पिछले तीन वर्षों में दक्षिण-पश्चिमी जापान से गुजरने वाले उनके जहाजों में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। इसमें ताइवान और उसके पड़ोसी जापानी द्वीप योनागुनी के बीच का जलक्षेत्र भी शामिल है।
रिपोर्ट में कहा गया कि प्रशांत क्षेत्र में चीन के विमानवाहक पोतों की बढ़ती तैनाती, सुदूर जलक्षेत्रों में अपनी समुद्री शक्ति को बढ़ाने की कोशिश है। लंबी दूरी की उड़ानों के लिए अधिक परिष्कृत उड़ान मार्गों और बेड़े के संगठन के जरिए चीन के लगातार बमवर्षक विमानों की तैनाती को जापान के आसपास अपनी उपस्थिति दिखाने और अपनी परिचालन क्षमता को और बढ़ाने के बीजिंग के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस जापान के आसपास सक्रिय सैन्य अभियान चला रहा है और उसने सितंबर में देश के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था। चीन के साथ उसके बढ़ते सामरिक सहयोग ने जापान की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता पैदा कर दी है।
जापान ने भी हाल के वर्षों में दक्षिण-पश्चिमी द्वीपों पर अपनी सैन्य तैनाती तेज कर दी है। लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें तैनात करने की तैयारी कर रहा है, क्योंकि उसे ताइवान में संघर्ष की चिंता है। जिसे चीन अपना क्षेत्र बताता है और जरूरत पड़ने पर बलपूर्वक हड़पने की कोशिश करेगा। ताइवान ने पिछले सप्ताह 10 दिनों का वार्षिक लाइव-फायर सैन्य अभ्यास शुरू किया। इसका उद्देश्य चीनी आक्रमण की धमकियों से बचाव करना था। यह रिपोर्ट जापान के चीन से अपने लड़ाकू विमानों को जापानी खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमानों के असामान्य रूप से करीब उड़ाना बंद करने की मांग के कुछ दिनों बाद आई है। वहीं बीजिंग ने जापान पर जासूसी के इरादे से चीनी हवाई क्षेत्र के पास उड़ान भरने का आरोप लगाया। रिपोर्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अपने सहयोगी देशों की शांति और सुरक्षा के लिए बड़ी भूमिका निभाने की अपेक्षा की गई है। इसमें कहा गया कि उत्तर कोरिया जापान की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन रहा है। उत्तर कोरिया द्वारा जापानी क्षेत्र में परमाणु हथियार ले जाने वाली मिसाइलों और अमेरिका की मुख्य भूमि तक पहुंचने में सक्षम ठोस ईंधन वाली आईसीबीएम का विकास किया जा रहा है।
