मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता आएगी: कैरोलिन लेविट

 कैरोलिन लेविट

वाशिंगटन। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि ईरानी परमाणु ठिकानों पर सटीक हमला करने के लिए शुरू किया गया ऑपरेशन एक बड़ी सफलता रहा। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर सटीक हमले किए। जिसके चलते पश्चिम एशिया (मध्य पूर्व) में शांति और स्थिरता आएगी। कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह हमला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर किया गया था। इस ऑपरेशन का मकसद ईरान की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को नष्ट करना था। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप ने अंतत: ईरानी शासन के परमाणु खतरे को समाप्त कर दिया।’ उन्होंने कहा कि ईरान बस कुछ ही हफ्तों में परमाणु बम बनाने में सक्षम हो सकता था, लेकिन ट्रंप ने समय रहते कार्रवाई की।

कैरोलिन लेविट ने कहा, ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर का उद्देश्य ईरानी शासन की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करना, अमेरिका, इस्राइल और शेष दुनिया के लिए उत्पन्न गंभीर परमाणु खतरे को रोकना था। यह मिशन, जो इतिहास की किताबों में दर्ज हो जाएगा, एक जबरदस्त सफलता थी।’ लेविट ने पिछले राष्ट्रपतियों पर भी तंज कसा और उनकी तुलना राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व से की। उन्होंने कहा कि बराक ओबामा और जो बाइडन ने ईरान को रोकने के लिए कमजोर समझौतों और पैसे देने का रास्ता अपनाया था, जबकि राष्ट्रपति ट्रंप ने ठोस सैन्य कार्रवाई की। राष्ट्रपति की निर्णायकता के कारण अमेरिका और पूरी दुनिया सुरक्षित है।

प्रेस सचिव ने दावा किया कि अब एक बड़ी सहमति बन रही है कि ईरान की परमाणु क्षमताएं सच में नष्ट हो गई हैं। अमेरिका, इस्राइल, संयुक्त राष्ट्र और यहां तक कि ईरान भी अब मानते हैं कि ईरान अब परमाणु हथियार नहीं बना सकता। उन्होंने बताया कि हमले के 48 घंटे के अंदर, ट्रंप और उनकी टीम ने ईरान और इस्राइल के बीच 12 दिन से चल रहे युद्ध को खत्म कराते हुए युद्धविराम करवा दिया। लेविट ने कहा कि अब मध्य पूर्व में अराजकता और हिंसा की जगह शांति और स्थिरता आ रही है, और यह सब ट्रंप की निर्णायक सोच की वजह से संभव हो सका। बता दें कि ईरान और इस्राइल के बीच 13 जून को संघर्ष शुरू हुआ था, जब इस्राइल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत ईरानी सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए। ईरान ने इसके जवाब में ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 शुरू किया और इस्राइल के बुनियादी ढांचे के खिलाफ मिसाइल और ड्रोन हमले किए।

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