उड़ानों की बहाली से दोनों देशों को होगा लाभ: चीन

बीजिंग। चीन ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत के साथ अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालीन दृष्टिकोण से देखता है। दोनों देशों के बीच 26 अक्टूबर से फ्लाइट सेवाओं की बहाली को चीन ने सकारात्मक कदम करार दिया, जो 2.8 अरब लोगों के बीच मित्रवत आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा। भारत ने दो अक्तूबर को घोषणा की थी कि चीन के लिए सीधी फ्लाइट्स 26 अक्टूबर से फिर से शुरू होंगी।

इंडिगो ने घोषणा की कि वह 26 अक्तूबर से कोलकाता से गुआंगझौ के लिए फ्लाइट और 10 नवंबर से दिल्ली से गुआंगझौ के लिए उड़ानें फिर से शुरू करेगा। वहीं, चीन की एयरलाइन चाइना ईस्टर्न नौ नवंबर से शंघाई से दिल्ली के लिए उड़ानें शुरू करेगी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बताया कि यह कदम दोनों देशों के बीच समझौतों को लागू करने में नवीनतम प्रगति है। गुओ ने कहा कि चीन भारत के साथ संबंधों को दीर्घकालीन दृष्टिकोण से देखना चाहता है, द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा देना चाहता है, जिससे दोनों देशों और उनके लोगों को लाभ मिले। यह कदम एशिया और विश्व में शांति और समृद्धि बनाए रखने में योगदान देगा।

कोविड महामारी के कारण 2020 में दोनों देशों के बीच फ्लाइट सेवाओं को निलंबित किया गया था। इसके बाद पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक समय तक सीमा पर तनाव के चलते सेवाओं को फिर से बहाल नहीं किया गया। पिछले साल अक्टूबर में, दोनों देशों ने डेपसांग और डेमचोक के तनाव बिंदुओं पर सैनिकों को हटाने के लिए समझौता किया। गालवां घाटी संघर्ष के बाद भारत-चीन संबंध 1962 के युद्ध के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंचे थे। इसके बाद कई कूटनीतिक और सैन्य वार्ताओं के बाद दोनों पक्षों ने कई तनाव बिंदुओं से अपने सैनिक वापस ले लिए। पिछले कुछ महीनों में, दोनों देशों ने कायरलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली सहित कई कदम उठाए हैं, ताकि आपसी संबंधों को सुधारने में मदद मिले।

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