
मॉस्को। पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भारत को दुनियाभर के देशों का साथ मिल रहा है। रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रे रुडेंको ने भारतीय राजदूत विनय कुमार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि भारत-रूस मिलकर वैश्विक आतंकवादी खतरे का मुकाबला करेंगे। रूस के विदेश मंत्रालय ने एक्स पर लिखा कि 28 अप्रैल को उप विदेश मंत्री आंद्रे रुडेंको ने भारत के राजदूत विनय कुमार से मुलाकात की। भारत के साथ मिलकर वैश्विक आतंकवादी खतरे का मुकाबला करने के लिए रूस की तत्परता की पुष्टि की गई। बताया जाता है कि अधिकारियों ने वर्तमान द्विपक्षीय मुद्दों और आगामी राजनीतिक संपर्कों के कार्यक्रम के साथ-साथ दक्षिण एशियाई क्षेत्र की सामान्य स्थिति पर चर्चा की। इसमें कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को लेकर भी बात हुई।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि 26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी हैं। हथियारबंद आतंकवादी ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ में घुस आए और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, खच्चर की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
पहलगाम हमले के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार शाम को नई दिल्ली में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। 1960 की सिंधु जल संधि पर रोक लगाने, अटारी में एकीकृत जांच चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का भी फैसला किया। यह घोषणा की गई कि दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए ऐसे किसी भी वीजा को रद्द माना जाएगा।
गृह मंत्री शाह ने व्यक्तिगत रूप से सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी भारत छोड़ने के लिए तय समय सीमा से अधिक देश में न रहे। मुख्यमंत्रियों को अपने-अपने राज्यों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करने तथा उनका वापसी सुनिश्चित करने को भी कहा गया। इसके बाद केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने भी सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द कर दिया गया है, वे तय समय सीमा तक भारत छोड़ दें।