दूसरे देशों को अमेरिका देगा कोरोना वैक्सीन की बची खुराकें

कोरोना वैक्सीन

बिच्छू डॉट कॉम। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को ऐलान किया है कि उनका देश फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना और जॉनसन ऐंड जॉनसन की बनाई कोरोना वैक्सीन की 2 करोड़ खुराकें दूसरे देशों को देगा। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ये वैक्सीन किन देशों को दी जाएगी लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इससे भारत को भी फायदा मिल सकता है। बता दें कि इससे पहले अमेरिका एस्ट्राजेनेका की बनाई कोविड वैक्सीन की 6 करोड़ खुराकें भी दूसरे देशों को देने का ऐलान कर चुका है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका इन आठ करोड़ वैक्सीन में से किस देश को कितना हिस्सा देगा। यह उम्मीद भी जताई जा रही है कि भारत को मदद मिलेगी लेकिन यह स्पष्ट नहीं कि अमेरिका एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन यहां भेजेगा, जो पहले से भारत में कोविशील्ड के नाम से लोगों को दी जा रही है, या फिर फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना और जॉनसन ऐंड जॉनसन की कोविड वैक्सीन।

अमेरिका में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को अभी तक इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी गई है लेकिन कंपनी के साथ पहले ही किए गए करार के तहत अमेरिका को इसकी 6 करोड़ खुराकें मिलनी हैं। इनमें से 40 लाख खुराकें पहले ही पड़ोसी देश कनाडा और मेक्सिको को दिए जाने का वादा किया गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, ‘आज मैं यह घोषणा करता हूं कि यूएस में मान्यता प्राप्त फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन ऐंड जॉनसन की वैक्सीन को भी हम दूसरे देशों से साझा करेंगे। जून महीने के आखिरी तक हम इन वैक्सीन को भेजना शुरू कर देंगे।’ बाइडेन की घोषणा के मुताबिक, अमेरिका अगले छह हफ्तों में कोरोना टीके की 8 करोड़  खुराकें विदेश भेजेगा, जो कि अमेरिका द्वारा उत्पादित टीकों का 13 फीसदी है।

घोषणा करते समय जो बाइडेन ने अपने दो प्रतिद्वंद्वी देशों रूस और चीन को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘अभी तक किसी देश ने इतनी बड़ी संख्या में वैक्सीन शेयर नहीं की। यह किसी भी देश की तुलना में पांच गुना ज्यादा है। रूस और चीन से भी ज्यादा है, जिन्होंने अभी तक डेढ़ करोड़ खुराकें बांटी हैं।’ बता दें कि कोरोना संकट से जूझ रहे भारत जैसे जरूरतमंद देशों की मदद के लिए राष्ट्रपति बाइडेन पर उनकी अपनी ही पार्टी के सांसदों की तरफ से लगातार दबाव बढ़ रहा है। बाइडेन प्रशासन ने भारत को कोरोना की दूसरी लहर के बीच 10 करोड़ डॉलर की सहायता भेजी है। इसके तहत ऑक्सीन कॉन्सनट्रेटर्स और उससे जुड़े सामा, रेमडेसिविर, पीपीई किट और रैपिड जांच किट इत्यादि शामिल हैं। बाइडेन प्रशासन ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को वैक्सीन बनाने के लिए कच्चा माल भी मुहैया कराया है। 

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