
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दर्जनों व्यापारिक साझेदार देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने के अपने फैसले का बचाव किया है। ट्रंप ने कहा कि ऐसा कई साल पहले कर दिया जाना चाहिए था। ट्रंप ने कहा कि टैरिफ से मिलने वाले पैसों से अमेरिका अपना कर्ज उतारेगा। मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि ‘हम कर्ज का भुगतान करेंगे। देश में बहुत सारा पैसा आने वाला है और इतना पैसा देश में कभी एकसाथ नहीं आया होगा। इससे पहले कर्ज का भुगतान करेंगे। हमें ये कई साल पहले कर देना चाहिए था। मैंने अपने पहले कार्यकाल में चीन के साथ ये किया था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते अन्य देशों के साथ ऐसा नहीं हो सका।’
ट्रंप ने कहा, ‘मैं किसी तरह का दबाव नहीं, बल्कि निष्पक्षता चाहता हूं। हम जहां भी और जितना हो सके, पारस्परिक कर देखना चाहते हैं। कभी-कभी, यह उनके लिए बहुत ज़्यादा हो जाता है। यह एक बहुत बड़ी राशि होगी। और मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि इससे हमारा देश सैकड़ों अरब डॉलर कमाएगा।’ व्हाइट हाउस में आने के छह महीनों के भीतर ही ट्रंप ने वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को तबाह कर दिया और अमेरिका की आर्थिक ताकत का इस्तेमाल कर उन देशों को दंडित देना शुरू किया, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा है।
2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने उन देशों से आयात पर 50 प्रतिशत तक पारस्परिक कर लगाने और लगभग सभी अन्य देशों पर 10 प्रतिशत आधारभूत कर लगाने की घोषणा की, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा है। उन्होंने व्यापार घाटे को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने के लिए 1977 के एक कानून का हवाला दिया, जिसके जरिए उन्होंने अपने व्यापक आयात करों को उचित ठहराया। जब पारस्परिक करों की आलोचना हुई तो उन्होंने विभिन्न देशों को बातचीत का मौका देने के लिए पारस्परिक शुल्कों को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया। आखिरकार, कुछ देशों ने ट्रंप की मांगों के आगे घुटने टेक दिए और अमेरिका के साथ व्यापार समझौता कर लिया।