श्टानइमायर का दूसरी बार राष्ट्रपति बनना तय

श्टानइमायर

बिच्छू डॉट कॉम।  जर्मन राष्ट्रपति फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर के लिए दूसरा कार्यकाल लगभग तय हो गया है. सत्ताधारी गठबंधन की तीनों पार्टियों के बाद अब विपक्षी दल सीडीयू और उसकी सहयोगी पार्टी सीएसयू ने भी उनका समर्थन करने की घोषणा की है.यह महज इत्तफाक ही है कि बुधवार को श्टाइनमायर 66 साल के हुए और जन्मदिन के तोहफे में उनके दूसरे कार्यकाल पर राजनीतिक दलों की एक तरह से मुहर लग गई है. सत्ताधारी गठबंधन में शामिल एसपीडी, एफडीपी और ग्रीन पार्टी ने तो पहले ही उनका समर्थन करने की घोषणा कर दी थी. बुधवार को प्रमुख विपक्षी दल सीडीयू और उसकी बवेरियाई सहयोगी पार्टी सीएसयू की तरफ से भी उनकी उम्मीदवारी को समर्थन मिल गया. दोनों विपक्षी दलों के प्रमुखों के बीच हुई चर्चा के बाद सीडीयू के अध्यक्ष आर्मिन लाशेट ने बर्लिन में इसकी घोषणा की. उनका कहना है कि मौजूदा वक्त में कोरोना संकट के बीच देश बंटा हुआ है ऐसे में अच्छा होगा कि कोई ऐसा शख्स देश का नेता हो जिस पर हर धड़े के लोग भरोसा कर सकें और जो देश को जोड़ सके. सीडीयू और सीएसयू के कुछ नेता पहले किसी महिला उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनाने के पक्ष में थे. हालांकि अब पार्टी का इरादा बदल गया है. जर्मनी में अब तक कोई महिला राष्ट्रपति नहीं बनी है. आर्मिन लाशेट ने कहा, “अलग अलग दलीलों का मूल्यांकन करने के बाद हमने फैसला किया है कि जर्मनी आज जिस दौर में है उसमें हमें राष्ट्रपति को समर्थन देना चाहिए जो देश को अपनी सेवा देने के लिए तैयार हैं” लाशेट ने यह भी कहा, “मेरे ख्याल से वह समय आएगा जब एक महिला राष्ट्रपति बनेगी” श्टाइनमायर के दूसरे कार्यकाल की संभावना मंगलवार को ही बन गई थी जब सत्ताधारी गठबंधन के तीसरे दल ग्रीन पार्टी ने उनका समर्थन करने की घोषणा की. मंगलवार को ग्रीन पार्टी के नेता रॉबर्ट हाबेक और अनालेना बेयरबॉक ने संयुक्त बयान जारी कर कहा, “फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर एक अच्छे और बेहद सम्मानित राष्ट्रपति है जिन्होंने अपने पहले कार्यकाल में देश की अच्छी सेवा की है” हालांकि तीनों पार्टियों के समर्थन के बावजूद इलेक्टोरल कॉलेज के आधार पर होने वाले चुनाव में उन्हें समर्थन कम हो सकता था।

अब सीडीयू और सीएसयू के समर्थन के बाद चुनाव महज औपचारिकता ही रह जाएगी. सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी यानी एसपीडी में लंबे समय से रहे फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर का पिछला कार्यकाल शांतिपूर्ण रहा है और कोरोना की मुश्किलों के साथ ही देश में सरकार बदलने के बावजूद उन पर राजनीतिक दलों का भरोसा कायम है. जर्मनी में राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद ही कोई बिल कानून बनता है और यह देश का सर्वोच्च पद है. हालांकि इसके बावजूद मोटे तौर पर यह पद औपचारिक ही है. देश का कामकाज प्रमुख रूप से संसद और चांसलर के हाथ में ही है. श्टाइनमायर ने 1990 के दशक में राजनीति में कदम रखा. वह पिछली सरकारों में जर्मनी के विदेशमंत्री और वाइस चांसलर रहे हैं. इसी साल 13 फरवरी को राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सांसदों का सम्मेलन होगा. हर पांच साल पर यह सम्मेलन बुलाया जाता है जिसमें संसद के निचले सदन बुंडेसडाग और उतनी ही संख्या में सभी 16 राज्यों के विधानसभाओं के चुने हुए प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं. इनकी कुल संख्या 1,472 है ।

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