भारत वैश्विक मंच पर उभरती ताकत: स्टार्मर

स्टार्मर

भारत-ब्रिटेन के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर पिछले चार वर्षों से काम जारी था और यह 2025 में आकार ले सका। स्टार्मर ने संसद में कहा, भारत वैश्विक मंच पर एक उभरती ताकत है और 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की राह पर है। इसके साथ ही ब्रिटिश पीएम ने कहा-व्यापार और निवेश से आगे द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देने के लिए ‘विजन 2035’ समझौते पर भी सहमति बनी। एफटीए को लेकर वार्ताएं वर्ष के ज्यादातर समय सुर्खियों में रहीं। दोनों पक्ष समझौते के लिए प्रतिबद्ध दिखे और जुलाई में पीएम नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन दौरे पर औपचारिक हस्ताक्षर किए गए। ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर ने मोदी से हुई द्विपक्षीय चर्चा के बाद कहा, हमने दुनिया की तेज अर्थव्यवस्था भारत के साथ ऐतिहासिक समझौता किया है। उन्होंने अक्तूबर में अब तक के सबसे बड़े ब्रिटिश व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत यात्रा का निमंत्रण भी स्वीकार किया।

2025 में दोनों देशों के महत्वाकांक्षी व भविष्य-उन्मुख 10 वर्षीय भारत-ब्रिटेन विजन 2035 रोडमैप को भी रखा गया। यह दीर्घकालिक सहयोग और नवाचार के रणनीतिक लक्ष्य तय करता है। ब्रिटेन के उच्च शिक्षा क्षेत्र की भारत में बढ़ती मौजूदगी भी नए वर्ष से फलीभूत होगी। नौ ब्रिटिश विवि भी भारत में अपने विदेशी परिसरों को अंतिम रूप दे रहे हैं। ब्रिटेन के व्यापार एवं वाणिज्य विभाग (डीबीटी) के विश्लेषण के अनुसार, व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) लागू होने पर द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 44.1 अरब पाउंड से बढ़कर कई अरब पाउंड से अधिक हो सकता है। उम्मीद है कि 2026 की पहली छमाही में समझौते को ब्रिटिश संसद की मंजूरी मिल जाएगी, जिसका दोनों देशों को परस्पर लाभ होगा।

हालिया आंकड़ों के अनुसार, अध्ययन वीजा पर करीब 45,000 भारतीय और कामकाजी वीजा पर 22,000 पेशेवर देश से बाहर गए, जिससे वहां शुद्ध आव्रजन में कमी आई। स्थायी निवास के लिए प्रतीक्षा अवधि को बढ़ाकर 10 वर्ष करने जैसे सख्त नियमों से यह रुझान आगे भी बना रह सकता है। भारत-ब्रिटेन संबंधों में आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता भी प्रमुख रही। नवंबर में दिल्ली में हुए आतंकी हमले पर ब्रिटेन ने संवेदना जताई और अप्रैल में कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद कूटनीतिक समाधान का आह्वान किया।

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