
लंदन। आयरलैंड की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया है। वामपंथी स्वतंत्र उम्मीदवार कैथरीन कोनोली देश की अगली राष्ट्रपति बनने जा रही हैं। उनके प्रतिद्वंद्वी हीथर हम्फ्रीज ने चुनाव परिणामों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही हार स्वीकार कर ली है। अभी वोटों की गिनती पूरी नहीं हुई थी, लेकिन शुरुआती और अधूरे नतीजों में कोनोली को 60 प्रतिशत से अधिक वोट मिलते दिखे। इन आंकड़ों के सामने आने पर प्रतिद्वंदी हीथर हम्फ्रीज, जो केंद्र-दक्षिणपंथी पार्टी फाइन गेल से थीं, ने कहा, ‘मैं कैथरीन कोनोली को आयरलैंड की नई राष्ट्रपति बनने पर बधाई देना चाहती हूं। वह हम सबकी राष्ट्रपति होंगी, मेरी भी।’
68 वर्षीय कैथरीन कोनोली पहले वकील रह चुकी हैं। साल 2016 से वे स्वतंत्र सांसद के तौर पर राजनीति में सक्रिय हैं। वे सामाजिक न्याय, समानता और समावेशन की मुखर आवाज रही हैं। हाल के दिनों में उन्होंने गाजा युद्ध को लेकर इस्राइल की आलोचना भी की थी, जिससे वे चर्चा में आईं। कैथरीन कोनोली को कई वामपंथी दलों का समर्थन मिला है। इसमें सिन फेन, लेबर पार्टी, सोशल डेमोक्रेट्स शामिल हैं। वहीं सोशल डेमोक्रेट्स की नेता हॉली केर्न्स ने कहा, ‘कैथरीन का संदेश- समावेशन, समानता और सामाजिक न्याय – देश के हर कोने के मतदाताओं के दिलों तक पहुंचा।’
इस चुनाव में केवल दो मुख्य उम्मीदवार बचे थे- कोनोली और हम्फ्रीज। तीसरे उम्मीदवार, प्रधानमंत्री मिखाइल मार्टिन की पार्टी फियाना फेल के जिम गेविन, एक पुराने वित्तीय विवाद के चलते तीन हफ्ते पहले चुनाव से हट गए। लेकिन नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के कारण उनका नाम मतपत्र पर बना रहा। लेबर पार्टी की नेता इवाना बाचिक ने कहा कि कोनोली की जीत से यह साबित हुआ है कि देश ‘एक वैकल्पिक, प्रगतिशील दिशा’ की ओर देख रहा है। उन्होंने संकेत दिया कि वामपंथी दल अब अगले सामान्य चुनाव में एकजुट होकर उतर सकते हैं।
