ढाका। बांग्लादेश ने गुरुवार को भारतीय मछुआरों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों को ‘बेतुका और झूठा’ बताते हुए खारिज किया। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि पड़ोसी देश की जेल में कुछ मछुआरों को पीटा गया। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों पर ‘गहरी निराशा और आपत्ति’ जताई और सभी पक्षों से आग्रह किया कि इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाने से बचें, ताकि द्विपक्षीय सहयोग और आपसी सम्मान की भावना पर असर न पड़े। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा था, ‘मैंने देखा कि कुछ मछुआरे लंगड़ा रहे थे। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जेल में उनके हाथ बांधकर उनकी पिटाई की गई थी। इसकी वजह से उनके शरीर के निचले हिस्से और पैरों में चोटें आईं और वे रो रहे थे।’ ये मछुआरे करीब दो महीने पहले बिना किसी इरादे बांग्लादेशी जलक्षेत्र में प्रवेश करते वक्त पकड़े गए थे।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा, इस मामले की पूरी तरह से जांच की गई और पाया गया कि ऐसा कोई दुर्व्यवहार या शारीरिक हिंसा नहीं हुई। मंत्रालय ने इन आरोपों को बेबुनियाद और झूठा करार देते हुए बांग्लादेश और भारत के बीच विश्वास, सद्भाव और आपसी सम्मान की भावना को चोट पहुंचाने वाला बताया। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधियों को कांसुलर पहुंच प्रदान की गई थी और वे मछुआरों की गिरफ्तारी के दौरान और दो जनवरी को जेल से रिहाई के समय मौजूद थे। बांग्लादेश ने यह भी कहा कि भारतीय मछुआरों की मेडिकल जांच की गई थी और वे पूरी तरह से स्वस्थ पाए गए थे। बांग्लादेश तटरक्षक बल ने भी उनकी यात्रा के दौरान पूरी मदद प्रदान की थी।