साल के अंत में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव अहम: विक्रमसिंघे

विक्रमसिंघे

कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि इस साल के अंत में होने वाले चुनाव व्यक्तिगत जीत या हार के बजाय द्वीप राष्ट्र की सफलता और विफलता तय करेंगे। पिछले महीने श्रीलंका के चुनाव आयोग ने कहा था कि राष्ट्रपति चुनाव 17 सितंब से 16 अक्तूबर के बीच होंगे। विक्रमसिंघे ने मंगलवार को नीति सुधार पर एक चर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी चुनाव के नतीजे सिर्फ मेरी निजी जीत या हार नहीं होंगे, बल्कि यह तय करेंगे कि देश सफल होगा या विफल। विक्रमसिंघे ने जुलाई 2022 के मध्य से अपदस्थ राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का शेष कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। उन्होंने दोबारा चुनाव को लेकर अब तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।

राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग ने उनके हवाले से कहा, यह चुनाव केवल व्यक्तियों को चुनने के बारे में नहीं है। बल्कि, हमारे देश की प्रगति के लिए सबसे अहम प्रणाली (सिस्टम) चुनने के बारे में है। अगर हम मौजूदा विजन की खूबियों में भरोसा करते हैं, तो हमें उसी के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए। ‘डेली मिरर’ अखबार की खबर के मुताबिक, विक्रमसिंघे ने नकदी संट से जूझ रहे देश में दीर्घकालीन समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए मजबूत आर्थिक सुधारों को लागू करने के महत्व पर प्रकाश डाला। विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कार्यक्रम द्वारा तय सख्त आर्थिक सुधारों को लागू किया है।

चर्चा के दौरान विक्रमसिंघे ने कहा कि लोग अगर संतुष्ट हैं तो वे सरकार के आर्थिक कार्यक्रम का समर्थन करें। अन्यथा उन्हें एक बर्बाद अर्थव्यवस्था वाले देश में रहने के नतीजों का सामना करना पड़ेगा। दवाओ और उर्वरक जैसी जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। ईंधन और गैस के लिए लंबी कतारों में लगना पड़ेगा। ब्रिटेन से 1948 में आजादी के बाद पहली बार अप्रैल 2022 में श्रीलंका ने खुद को आर्थिक रूप से कंगाल घोषित किया था। विक्रमसिंघे ने जरूरी वस्तुओं की कमी और लंबे समय तक बिजली कटौती को खत्म किया और आईएमएफ से बेलआउट पैकेज हासिल किया।

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