पश्चिमी देशों ने फिनलैंड को जबरन नाटो सदस्य बनाया: पुतिन

 पुतिन

मॉस्को। उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के खिलाफ हमेशा मुखर रहे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिम देशों पर फिनलैंड पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि फिनलैंड पर दबाव बनाकर उसे नाटो का सदस्य बनाया गया। पुतिन ने सवाल किया कि क्या फिनलैंड के साथ हमारा कोई विवाद था? उन्होंने कहा कि 20वीं सदी के मध्य में ही तमाम क्षेत्रीय विवाद सुलझाए जा चुके हैं। प्रकृति से जुड़े विवाद भी बहुत पहले खत्म हो चुके हैं, लेकिन पश्चिमी देशों ने फिनलैंड को जबरन नाटो का सदस्य बना दिया।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को एक इंटरव्यू में  रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फिनलैंड और नाटो से जुड़े सवालों पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि फिनलैंड और रूस के बीच कोई समस्या नहीं थी, लेकिन अब होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि रूस सेंट पीटर्सबर्ग (लेनिनग्राद) को सैन्य ठिकाने के रूप में विकसित करेगा।

पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की गई टिप्पणियों को बकवास बताकर खारिज कर दिया। बाइडन ने इस महीने की शुरुआत में यूक्रेन पर कब्जे की आशंका जताते हुए चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर यूक्रेन पर कब्जा होता है तो युद्ध अभी और लंबा चलता रहेगा। ऐसे हालात के गंभीर वैश्विक परिणाम हो सकते हैं। माना जा रहा है कि अगर रूस किसी नाटो सहयोगी पर हमला करेगा तो अमेरिकी सेना युद्ध में सीधी भूमिका निभाएगी।

गौरतलब है कि फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के बाद उत्तरी यूरोप के सुरक्षा परिदृश्य में बड़ा बदलाव हुआ है। इस बदलाव के बाद फिनलैंड की 1,300 किलोमीटर (830 मील) से अधिक सीमा रूस से जुड़ गई है। यानी नाटो रूस के करीब पहुंच गया है। इसे राष्ट्रपति पुतिन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जो लंबे समय से नाटो के विस्तार का विरोध करते रहे हैं।

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