
वॉशिंगटन । पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन में रहे एक अधिकारी का कहना है कि अमेरिका की सरकार में उन लोगों द्वारा जवाबदेही की भारी कमी है, जिन्होंने कानून की धज्जियां उड़ाई हैं और पद पर बने हुए हैं। ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सहायक और भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी काश पटेल की नई किताब में अमेरिकी नौकरशाही की बहुत ज्यादा आलोचना की गई है। उनकी नई किताब ‘गवर्नमेंट गैंगस्टर’ में कहा गया है कि अमेरिका की सरकार में कानून तोड़ने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है।
पटेल ने एक अन्य संदर्भ में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के हितों को आगे बढ़ाते हुए वैश्विक पटल पर बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा, ‘हालांकि अभी, जैसा कि मैं देखता हूं, भारत अमेरिकी संबंधों की तुलना में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) संगठन में अधिक शामिल है। यह राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा भारत के साथ संबंधों को प्राथमिकता नहीं देने का सीधा परिणाम है।’
पटेल ने कहा, ‘किताब लिखने के पीछे का मकसद यह था कि मैंने दोनों प्रशासनों (डेमोक्रेट और रिपब्लिकन) में 16 साल तक काम किया। इस दौरान मुझे समझ आ गया कि सरकार में उन लोगों द्वारा जवाबदेही की भारी कमी है, जिन्होंने पद पर रहते हुए कानूनों को तोड़ा है। मैंने सोचा कि जो मैंने देखा और महसूस किया है उसे सबके सामने लाऊं। इसलिए मैंने लिखने का फैसला किया। साथ ही इस समस्या का समाधान प्रदान करने की कोशिश का एक हिस्सा था कि किस प्रकार सरकार में शीर्ष पर बैठे प्रभावशाली लोगों की गुप्त साजिशों को परास्त किया जाए, यह हमारे सबसे महत्वपूर्ण अभियानों में से एक है।’
एक सवाल के जवाब में पटेल ने आरोप लगाया कि बाइडन प्रशासन और ‘ऐसे शीर्ष पदों पर बैठे लोगों’ के बीच सांठगांठ है। 43 वर्षीय अटार्नी ने आरोप लगाया, ‘बाइडन प्रशासन इन भ्रष्ट ‘गवर्नमेंट गैंगस्टर’ से भरा हुआ है, जिन्हें मैं अपनी पुस्तक में नाम और शीर्षक से सूचीबद्ध करता हूं। यह केवल कोई डेमोक्रेट या रिपब्लिकन का मामला नहीं है।’