
इस्लामाबाद। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आम चुनाव से पहले बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में इमरान की दोषसिद्धि और तीन साल की जेल की सजा पर मंगलवार को रोक लगा दी। कोर्ट ने इमरान को जेल से रिहा करने का भी आदेश दिया। हालांकि, सरकारी गोपनीयता कानून के तहत उनके खिलाफ एक मुकदमे की सुनवाई के कारण उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा। मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की खंड पीठ ने यह बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया। खंड पीठ ने मामले में निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली इमरान की याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
न्यायमूर्ति फारूक ने कहा कि अभी हम सिर्फ यही कह रहे हैं कि इमरान की अर्जी मंजूर कर ली गई है। इमरान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने एक संक्षिप्त व्हॉट्सएप संदेश में बताया कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने जिला कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इमरान को एक लाख रुपये के मुचलके पर रिहा करने का भी आदेश दिया।
खान की सजा स्थगित किए जाने के बाद भी उन्हें रिहा नहीं किया जा रहा है, क्योंकि सरकारी गोपनीयता कानून में उनके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने अटक जेल अधिकारियों को उन्हें न्यायिक हिरासत में रखने और 30 अगस्त को अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया है। पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इसी मामले में पहले से ही हिरासत में हैं। यह मामला पिछले सप्ताह शुरू किया गया था और इसमें आरोप लगाया गया है कि इमरान खान और अन्य ने देश के गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन किया।
इससे पहले एक निचली अदालत ने इस मामले में पांच अगस्त को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान को दोषी ठहराते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। खान पर आरोप था कि उन्होंने 2018-2022 तक के कार्यकाल के दौरान उन्हें और उनके परिवार को मिले राज्य के उपहारों को गैरकानूनी रूप से बेचा। एक सत्र अदालत ने उन्हें इस मामले में दोषी ठहराया था। उन्हें पांच साल के लिए राजनीति से प्रतिबंधित किया गया है। इससे वह अब आगाी आम चुनाव में भी हिस्सा नहीं ले पाएंगे।