
रोम। चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) परियोजना में शामिल पश्चिम के एकमात्र बड़े देश इटली को अब अपने फैसले पर पछतावा हो रहा है। इटली के इस परियोजना से दिसंबर तक निकलने की आशंका है। इटली के रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो ने रविवार को कहा कि चार साल पहले बीआरआई में शामिल होना जल्दबाजी में किया गया नुकसानदेह फैसला था, हम जल्द बाहर आ सकते हैं।
इसने निर्यात बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया। इटली ने वर्ष 2019 में पिछली सरकार के दौरान बीआरआई में शामिल होने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया था। क्रोसेटो उस प्रशासन का हिस्सा हैं, जो इस बात पर विचार कर रहा है कि बीआरआई से किस प्रकार बाहर निकला जाए। बीआरआई के तहत पुराने सिल्क रोड को दोबारा बनाने की योजना है, जो चीन को एशिया, यूरोप व उसके बाहर के देशों से जोड़ेगा। इस बुनियादी परियोजना पर भारी भरकम लागत आने वाली है। आलोचकों का मानना है कि बीआरआई के जरिये चीन भूराजनैतिक व आर्थिक प्रभाव को बढ़ाना चाहता है।
क्रोसेटो ने कोरिएरे डेला सेरा समाचार पत्र से कहा, (नए) सिल्क रोड में शामिल होने का निर्णय एक तात्कालिक व नुकसानदेह कार्य था। इसने इटली को चीन से होने वाले निर्यात को कई गुना बढ़ा दिया, जबकि चीन को इटली से होने वाले निर्यात पर खास असर नहीं पड़ा। अब मुद्दा यह है कि चीन से रिश्ता खराब किए बगैर किस प्रकार बीआरआई से बाहर निकला जाए, क्योंकि यह सत्य है कि चीन प्रतिस्पर्धी है, लेकिन वह साझीदार भी है।
व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बृहस्पतिवार को मुलाकात के बाद इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलनी ने कहा कि उनकी सरकार अब भी बीआरआई को लेकर विचार-विमर्श कर रही है। उन्होंने निकट भविष्य में बीजिंग दौरे का एलान भी किया। मेलनी ने अमेरिकी प्रसारक फॉक्स न्यूज के साथ रविवार को साक्षात्कार में कहा, हम लोग इस मुद्दे पर दिसंबर से पहले फैसला कर लेंगे।