क्षेत्रीय शांति हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी: जिनपिंग

 जिनपिंग

बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को भारत की मेजबानी में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एससीओ सदस्य देशों से क्षेत्रीय शांति के लिए जिम्मेदारी निभाने और आर्थिक सुधार में तेजी लाने के लिए बात कही। साथ ही उन्होंने देशों से व्यावहारिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा आम सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

जिनपिंग ने अपने संबोधन में अपनी अरबों डॉलर की पसंदीदा परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का भी जिक्र छेड़ा और इसमें विभिन्न देशों के क्षेत्रीय सहयोग पहलों की बात की। बीआरआई एक अरबों डॉलर की आर्थिक-गलियारा पहल है जिसे राष्ट्रपति शी ने 2013 में सत्ता में आने पर शुरू किया था। इसका उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि और समुद्री मार्गों के नेटवर्क से जोड़ना है। 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर का चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (बीआरआई) प्रमुख परियोजना है।

हालांकि भारत ने सीपीईसी को लेकर चीन के समक्ष कड़ा विरोध जताया है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजर रहा है। भारत बीआरआई का भी आलोचक है, जिसने अस्थिर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए छोटे देशों को भारी ऋण देने की चीन की ऋण कूटनीति पर वैश्विक चिंताएं पैदा कीं। रिपोर्ट के अनुसार, शी ने क्षेत्रीय शांति की रक्षा करने और आम सुरक्षा सुनिश्चित करने और एससीओ के बीच आदान-प्रदान और आपसी सीख को मजबूत करने और लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने के प्रयासों का भी आह्वान किया। भारत की अध्यक्षता में शिखर सम्मेलन में रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान और ईरान के नेताओं ने भी भाग लिया।

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