
काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शनिवार को कहा कि वर्तमान गठबंधन सरकार पूरे पांच साल के कार्यकाल पूरा करेगी क्योंकि यह सर्वसम्मति से बनी सरकार है। उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच और तेज की जाएंगी, चाहे वह भूटानी शरणार्थी घोटाला हो या ललिता निवास जमीन हड़पने का मामला हो, सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। ओली की सरकार जाने के बाद प्रचंड पिछले साल 26 दिसंबर को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी, सरकार में करीब 10 गठबंधन शामिल हैं। लेकिन यह बात जगजाहिर है कि 1990 में लोकतंत्र की बहाली के बाद से हिमालयी राष्ट्र नेपाल में एक भी सरकार पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने में कामयाब नहीं हुई है।
प्रचंड ने मीडिया से बात करते हुए भारत की अपनी यात्रा को ऐतिहासिक बताया और कहा कि सीमा मुद्दे के समाधान के लिए भारतीय प्रधानमंत्री की घोषणा एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। इससे पहले, भारत के किसी भी प्रधान मंत्री ने ऐसा नहीं कहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि चूंकि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को हिमालय की ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं, इसलिए वे सीमाओं से संबंधित सभी मुद्दों को हल करेंगे।
प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा कि हमने अपना पूरा ध्यान लोगों की समस्याओं के समाधान पर केंद्रित किया है। साथ ही कहा कि विदेश में काम करने वाले हजारों नेपालियों को सामाजिक सुरक्षा कोष के तहत लाया गया है, जिसका दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव होगा। नेपाल भारत के लिए एक महत्वपूर्ण देश माना जाता है क्योंकि यह पांच राज्यों सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किमी से अधिक की सीमा साझा करता है। यह देश वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर है।