
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजनीति में खींचतान अपने चरम पर है। कभी सरकार विपक्ष पर तो कभी विपक्ष सरकार पर निशाना साधती है। सरकार ने निशाना साधते हुए कहा कि नौ मई को हुई हिंसा के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री पर जल्द कार्रवाई शुरू की जाएगी। बता दें, पाकिस्तान के पूर्व पीएम को नौ मई को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद देश के अलग-अलग इलाकों में हिंसक घटनाएं हुई थीं। इस दौरान कई सैन्य प्रतिष्ठानों को भी प्रदर्शनकारियों ने नुकसान पहुंचाया था।
पाकिस्तान में एक इंटरव्यू देते हुए गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि देश में हुई हिंसा के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ही 100 प्रतिशत जिम्मेदार हैं। पाकिस्तान में जो कुछ भी हुआ, राजनीति में जो नफरत फैली, पाकिस्तानी पॉलिटिक्स में जो भी गड़बड़ी हुई, देश पर आर्थिक संकट छाया, देश में अस्थिरता आई और इनका जिम्मेदार सिर्फ एक व्यक्ति ही है, जिसका नाम इमरान खान है। इमरान खान ने नौजवानों में जहर घोल दिया है। खान इन सबके जिम्मेदार हैं और जल्द ही उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में जो लोग शामिल थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्हें गिरफ्तार किया गया है। अब सबूतों के आधार पर जल्द ही मास्टरमाइंड को भी पकड़ा जाएगा।
इमरान खान के ऊपर कार्रवाई में कितना समय लगेगा। इसका जवाब देते हुए इंटरव्यू में राणा ने कहा कि सिर्फ दो से तीन सप्ताह के अंदर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। हिंसा पहले से नियोजित थी, 100 प्रतिशत नियोजित, कौन क्या करेगा, सबकी जिम्मेदारी तय थी। सुरक्षाबल हिंसा में शामिल लोगों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ के दौरान सामने आया कि पीटीआई नेता यस्मिन रशीद, महमूद-उर-रशीद और हम्माद अजहर ने कॉर्प्स कमांडर हाउस, जिन्ना हाउस पर हमला किया था।
पाकिस्तान सरकार के आदेश पर 9 मई को खान को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पीटीआई कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस, मियांवाली एयरबेस, आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी। रावलपिंडी के सैन्य मुख्यालय पर भी भीड़ ने हमला किया था। पुलिस के अनुसार, हिंसा में करीब 10 लोगों की मौत हुई थी। वहीं पीटीआई का दावा है कि सुरक्षाबलों की फायरिंग में उनके पार्टी के करीब 40 लोगों की मौत हो गई। इमरान खान का दावा किया था कि सेना के जरिए पीटीआई को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। इन सब साजिशों के पीछे पीडीएम का हाथ है, जो देश के लिए काफी खतरनाक है। पाकिस्तान की सरकार अब चुनावों में हमसे जीत नहीं सकती, इसलिए वह अब सेना के साथ मिलकर हमें तोड़ रहे हैं।