
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व इमरान खान के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं, उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। पिछले हफ्ते इमरान के घर के बाहर पीटीआई समर्थकों और पाकिस्तान पुलिस की हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें दर्जनों कार्यकर्ता घायल हो गए थे और एक की मौत हो गई थी। वहीं इमरान खान ने इसको लेकर एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमें पुलिस ने निशाना बनाया, यह पहली बार है।
इमरान खान ने अपनी संभावित गिरफ्तारी से पहले कहा कि उन्होंने यह कदम क्यों उठाया इसका कोई कारण नहीं है। मेरी जमानत 18 तारीख को थी। वे जानते थे कि सुरक्षा के कारण मैं जमानत पर क्यों नहीं आ रहा हूं, इस्लामाबाद कोर्ट में कई बार हमले हुए हैं। जिसमें जज तक शहीद हुए हैं।
उन्होंने कहा कि वे फिर से तैयारी कर रहे हैं, मुझे पता है। मैंने लाहौर उच्च न्यायालय में वचन दिया है कि मैं 18 तारीख को न्यायालय में उपस्थित रहूंगा। लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं इसे क्यों नहीं लिया गया यह लंदन योजना का हिस्सा है। इमरान खान ने नवाज शरीफ पर हमला करते हुए कहा कि नवाज शरीफ को आश्वासन दिया गया है कि मुझ पर और मेरी पार्टी पर हमला किया जाए और मुझे जेल में डाल दिया जाए। आगे कहा कि पुलिस मुझे गिरफ्तार करने और जेल भेजने आई है। अगर मुझे कुछ हो जाता है, या जेल भेज दिया जाता है, या वे मुझे मार देते हैं, तो आपको यह साबित करना होगा और यह देश इमरान खान के बिना भी संघर्ष करता रहेगा।
बता दें कि नवाज शरीफ पाकिस्तान में भ्रष्टाचार मामलों का सामना कर रहे हैं। जब उनकी गिरफ्तारी नजदीक थी तो वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर लंदन चले गए जिसके बाद से वह लंदन में ही हैं। वहीं इमरान खान और उनकी पार्टी के नेता यह आरोप लगाते हैं कि शहबाज सरकार लंदन से यानी नवाज शरीफ के इशारे पर ही चलते हैं। जब तक लंदन से ऑर्डर नहीं आता तब तक कुछ कार्रवाई नहीं होती।
अदालत के आदेश पर इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए इस्लामाबाद से आई पुलिस टीम के आने के बाद इमरान खान के समर्थक उनके घर के बाहर जमा हो गए, जबकि इमरान खान ने अपने समर्थकों से कानून की सर्वोच्चता के लिए खड़े होने और सच्ची आजादी के लिए लड़ने का आह्वान किया। वहीं पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने से इमरान खान के कई समर्थक घायल हो गए। वहीं गिरफ्तारी वारंट इमरान खान के खिलाफ 2018 से 2022 तक सत्ता में रहने के दौरान अवैध रूप से सरकारी उपहार बेचने के मामले में जारी किया गया था।