ईरान परमाणु अधिकारों से नहीं हटेगा पीछे : अब्बास अराघची

 अब्बास अराघची

दोहा। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिका के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर चल रहे विवाद के बीच अपना रुख पूरी तरह से साफ कर दिया है। शनिवार को उन्होंने अमेरिका को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अगर अमेरिका का मकसद ईरान को उसके परमाणु अधिकारों से वंचित करना है, तो ईरान कभी पीछे नहीं हटेगा। बता दें कि यह बयान उन्होंने कतर की राजधानी दोहा में दिया, जहां ईरान और अमेरिका के बीच ओमान में होने वाली अगली परमाणु वार्ता से एक दिन पहले वे पत्रकारों से बात कर रहे थे। अराघची ने साफ कहा कि अगर बातचीत का उद्देश्य ईरान के परमाणु अधिकार छीनना है, तो हम बिल्कुल भी पीछे नहीं हटेंगे।

अमेरिका और इस्राइल परमाणु समझौते को लेकर लगातार ईरान को धमकी देता रहा है। हालांकि ईरान ने हमेशा कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण और नागरिक उद्देश्यों के लिए है, न कि हथियार बनाने के लिए। इसको लेकर अराघची ने कहा कि हम अमेरिका से सीधी बातचीत नहीं कर रहे हैं, लेकिन अपने अधिकारों पर जोर दे रहे हैं। अगर बातचीत का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बनाएगा, तो समझौता संभव है। लेकिन अगर हमारा अधिकार छीनने की कोशिश हुई, तो हम कभी नहीं मानेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने शुक्रवार को कहा था कि ईरान के नवाचार केंद्रों को पूरी तरह खत्म करना होगा, तभी कोई समझौता संभव है। गौरतलब है कि ट्रंप ने अमेरिका को 2015 में हुए परमाणु समझौते से अलग कर लिया था और धमकी दी थी कि अगर नया समझौता नहीं हुआ, तो ईरान पर सैन्य हमला किया जा सकता है। ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर विवाद के कारण पर प्रकाश डाले तो अमेरिका चाहता है कि ईरान अपने अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन बंद करे, क्योंकि उसे शक है कि इसका इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में किया जा सकता है। दूसरी ओर ईरान का कहना है कि उसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए यूरेनियम संवर्धन का अधिकार है। लेकिन वह मानता है कि उसकी अर्थव्यवस्था पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने के लिए वह कुछ समझौते करने को तैयार है।

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