
नयी दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। बॉलीवुड हस्तियां जब ऐयरपोर्ट पर कहीं जाने के लिए निकलती हैं तो फोटोग्राफरों की भीड़ उन्हंे क्लिक करने के लिए निकल पड़ती है लेकिन अनुपम खेर को क्लिक करते हुए फोटोग्राफरों के मन में एक ख्याल जरूर उभरता होगा कि यह कलाकार हर बार सिर्फ नीली जींस और सफेद शर्ट में ही क्यों हवाई यात्रा करता है……आज भी जानना चाहते होंगे कि आखिर ऐसा क्यों है… तो अनुपम खेर के जन्मदिन पर उनसे जुड़ा यह राज भी जान लीजिए… अनुपम हवाई जहाज में सफर करते वक्त करीब पिछले 29 साल से लगातार सफेद शर्ट और ब्लू जींस ही पहनते आ रहे हैं। यह खुलासा खुद दिग्गज अभिनेता एक खास बातचीत में किया था। अनुपम खेर ने बताया कि- हवाई जहाज की यात्रा करते समय उन्हें शुरू में बहुत डर लगता था। काम की वजह से कई बार यात्राएं करनी होतीं तो मैंने अनुभव किया कि सफेद शर्ट और ब्लू जींस में मैं अपने आप को शांत रख पाता हूं और अपने डर पे नियंत्रित रख पाता हूं। इसलिए मैं पिछले 29 साल से हवाई यात्रा के दौरान सफेद शर्ट और ब्लू जींस ही पहन रहा हूं। अब बात करें अनुपम खेर की तो इनका जन्म 7 मार्च 1955 को शिमला में हुआ था। उनके पिता फोरेस्ट डिपार्टमेंट में एक क्लर्क थे। अनुपम खेर ने अपनी शुरुआती पढ़ाई शिमला से की थी। उन्हें स्कूल के समय से एक्टिंग करने का शौक था। वह हर फंक्शन में हिस्सा लेते थे। हालांकि अनुपम खेर का मानना है कि शुरुआत में लोग उनकी एक्टिंग को पसंद नहीं करते थे। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद धीरे-धीरे उन्होंने एक्टिंग की पढ़ाई करना शुरू की। इसके बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया। अनुपम खेर ने बतौर मुख्य अभिनेता हिंदी सिनेमा में अपनी शुरुआत साल 1984 में सारांश से की थी। इस फिल्म में उन्होंने 65 साल के एक बूढ़े का रोल किया था, जिसे पर्दे पर खूब पसंद किया गया। फिल्म सारांश के लिए अनुपम खेर को फिल्मफेयर में बेस्ट एक्टर का पुरस्कार मिला था। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। साल 1986 में अनुपम खेर ने फिल्म कर्मा में अपने खरतनाक विलेन किरदार से खूब सुर्खियां बटोरीं। इसके बाद संसार, तेजाब, राम लखन, चालबाज, सौदागर, हम, बेटा, रूप की रानी चोरों का राजा, लाडला, हम आपके है कौन, दिलवाले दुल्हानिया ले जाएंगे, जिद्दी, एमएस धोनी, द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर सहित कई शानदार फिल्मों में काम किया है। अनुपम आज अलग-अलग भाषाओं में 500 से ज्यादा फ़िल्में कर चुके हैं। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के होनहार छात्र रहने के अलावा वो वहां के चेयरपर्सन भी रहे। साथ ही एफटीआईआई में भी उन्होंने एक छात्र से लेकर चेयरपर्सन तक का सफर तय किया।