
मुंबई/बिच्छू डॉट कॉम। जा सिमरन जा……. मोगेंबो खुश हुआ जैसे दमदार डायलॉग को अपनी भारी भरकम आवाज देने वाले अमरीश पुरी आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज और अंदाज के साथ पेश किए गए तमाम डायलाॅग आज भी लोगों की जुबान पर हैं….. अमरीश पुरी की आज बर्थ एनिवर्सरी है…. इस मौके पर आपको उनके कुछ दमदार डायलॉग से रूबरू करवाते हैं।
फिल्म एतराज- आदमी के पास दिमाग हो तो अपना दर्द भी बेच सकता है।
फिल्म इरादा- गलती एक बार होती है, दो बार होती है, तीसरी बार इरादा होता है।
शहंशाह- टिप बाद में देना तो एक रिवाज है, पहले देना अच्छी सर्विस की गारंटी होती है।
करण-अर्जुन- मैं तो समझता था कि दुनिया में मुझसे बड़ा कमीना और कोई नहीं है, लेकिन तुमने ऐन मौके पर ऐसा कमीनापन दिखाया कि हम तुम्हारे कमीनेपन के गुलाम हो गए हैं।
दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे- जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी।
मिस्टर इंडिया- मोगैंबो खुश हुआ।
दीवाना- दुनिया की नजर में मरे हुए लोग कभी जिंदा नहीं हुए, नहीं तो जिंदगी परेशान हो जाती।
दामिनी- ये अदालत है, कोई मंदिर या दरगाह नहीं जहां मन्नतें और मुरादें पूरी होती हैं. यहां धूप बत्ती और नारियल नहीं, बल्कि ठोस सबूत और गवाह पेश किए जाते हैं।