- रवि खरे
श्रेया घोषाल के नाम पर अमेरिका में मनाया जाता है खास दिन
फिल्म जिस्म का गाना जादू है नशा है तो आप सबने जरुर सुना होगा। इस गाने को हिंदी सिनेमा की मशहूर सिंगर श्रेया घोषाल ने अपनी आवाज दी थी। बता दें कि गायिका श्रेया घोषाल ने महज 16 साल की उम्र में बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में कदम रख दिया था। उनकी पहली फिल्म देवदास थी जो खुद संजय लीला भंसाली ने उन्हें ऑफर की थी। दरअसल, उस वक्त श्रेया घोषाल टीवी की दुनिया के सबसे बड़े रियलिटी शो सा रे गा मा पा से चर्चा में आई थीं। जी हां, इस रियलिटी शो में ही गायिका श्रेया घोषाल की आवाज सुनकर निर्देशक संजय लीला भंसाली की मां उनकी फैन बन चुकी थी। जिसके बाद उन्होंने भंसाली से उनके फिल्म में उन्हें एक मौका देने की बात कही। अपनी मां के कहने पर भंसाली ने श्रेया घोषाल को देवदास में गाने का मौका दिया। इस फिल्म में श्रेया ने पांच गाने गाए थे और ये सभी गाने सपरहिट साबित हुए। वहीं उन्होंने इस फिल्म के लिए अपना पहला नेशनल अवॉर्ड भी हासिल कर किया था। वैसे तो श्रेया घोषाल ने ढेरों अवॉर्ड जीते हैं लेकिन उनसे जुड़ी एक और खास बात है, जिसके बारे में शायद आप जानते नहीं होंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका के एक राज्य में सिंगर श्रेया के नाम का दिवस मनाया जाता है। जी हां, हर साल 25 जून को अमेरिका के ओहायो में श्रेया घोषाल के सम्मान में उनके नाम का दिवस मनाया जाता है। दरअसल ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जब साल 2010 में जब श्रेया गर्मियों के दिनों अमेरिका का दौरा करने गई थीं तो उस दौरान ओहायो के गवर्नर टेड स्ट्रिकलैंड ने ये ऐलान कर दिया था कि अब इस दिन को श्रेया घोषाल डे के रूप में मनाया जाएगा।
वीर सावरकर में अंकिता को कास्ट नहीं करना चाहते थे रणदीप हुड्डा
रणदीप हुड्डा की मोस्ट अवेटेड फिल्म स्वातंत्र्य वीर सावरकर की रिलीज का लोगों को ब्रेसबी से इंतजार है। इस फिल्म में अंकिता लोखंडे भी दमदार किरदार में नजर आने वाली हैं। वहीं इन सब के बीच एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे ने बताया कि क्यों रणदीप उन्हें फिल्म में कास्ट नहीं करना चाहते थे। रणदीप हुड्डा फिल्म स्वातंत्र्य वीर सावरकर में स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की भूमिका निभा रहे हैं। वहीं बता दें कि इस मूवी में अंकिता यमुनाबाई सावरकर का किरदार निभा रही हैं। अंकिता लोखंडे ने उलासा करते हुए बताया कि फिल्म में रणदीप हुड्डा क्यों उन्हें कास्ट नहीं करना चाहते थे। रणदीप ने मुझसे कहा था कि मुझे नहीं लगता कि मैं फिल्म में आपको कास्ट करना चाहता हूं। तो मैंने पूछा क्यों सर तो उन्होंने कहा कि तुम इस कैरेक्टर के लिए ज्यादा खूबसूरत हो, तो मैंने कहा कि प्लीज ऐसा मत कहिए। अंकिता ने आगे बताया कि उन्होंने फिल्म पर बहुत ज्यादा रिसर्च की हुई थी, रणदीप को यह पता था कि यमुनाबाई के लिए कौन सही है।
बीते दौर को याद कर भावुक हुईं करिश्मा, बोलीं- हम दिल की सुनते थे…
करिश्मा कपूर बॉलीवुड के मशहूर नामों में से एक हैं। इन दिनों वे अपनी आने वाली फिल्म मर्डर मुबारक को लेकर सुर्खियां बटोर रही हैं। हाल ही में अभिनेत्री अपने करियर के उतार-चढ़ाव और मर्डर मुबारक के बारे में मीडिया से बात करती दिखाई दीं। करिश्मा कपूर मर्डर मुबारक से बॉलीवुड में फिर से वापसी करने जा रही हैं। इस फिल्म का निर्देशन होमी अदजानिया ने किया है। मर्डर मुबारक के प्रमोशन के दौरान जब उनसे पूछा गया कि आप इन दिनों बॉलीवुड में क्या बदलाव महसूस करती हैं। इस सवाल के जवाब में करिश्मा कहती हैं, सच कहूं तो अब काफी सारी चीजें बदल गई हैं। हम तब दिल की सुनते थे और जो सही लगता था, वह फिल्म कर लेते थे। किसी चीज के लिए हिसाब-किताब नहीं करते थे। करिश्मा कपूर अपनी बात जारी रखते हुए कहती हैं, तब हमारे पास कोई पीआर टीम और स्टाइलिश नहीं होता था। सब कुछ हमलोग खुद ही हैंडल करते थे। हम सेट पर जाते थे और शूटिंग शुरू कर देते थे। न तो हमें कोई सलाह देने के लिए होता था न ही कोई ये समझाने के लिए कि यह फिल्म सही नहीं है या फिर इसे करो। बस काम करने के लिए मन में एक जुनून था, इसलिए काम करते चले गए।
