
मुंबई/बिच्छू डॉट कॉम। दिलीप कुमार नाम पढ़कर आप चौंक गए होंगे…. दरअसल ये फिल्मी दुनिया के दूसरे दिलीप कुमार हैं जिन्हें आज हम एआर रहमान के नाम से जानते हैं…… पहले यह दिलीप कुमार थे लेकिन अपनों के लिए मस्जिद में एक दुआ मांगी…. सौभाग्य से वह कबूल हो गयी… बस फिर क्या था हिंदू धर्म को तिलांजलि देकर यह दिलीप कुमार ऐआर रहमान में बदल गए…… देश के श्रेष्ठ संगीतकार रहमान आज पूरे 55 बरस के हो गए हैं….. उनके इस खास दिन उनसे जुड़ी कुछ खास बातें आपसे शेयर करते हैं। संगीत की दुनिया में रहमान का बड़ा नाम है। वह आज बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। इतना ही नहीं रहमान को कई नेशन और इंटरनेशनल अवॉर्ड के साथ दुनिया का सबसे प्रसिद्ध ऑस्कर अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। रहमान का जन्म 6 जनवरी 1966 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुआ था। रहमान के पिता राजगोपाल कुलशेखर (आर. के. शेखर) मलयालम फिल्मों में संगीतकार थे और उन्हें संगीत विरासत में मिला है। रहमान 9 साल के थे, जब उनके पिता का देहांत हुआ था। पिता के जाने के बार घर के हालात ऐसे हो गए कि उन्हें घर में रखे वाद्ययंत्र तक बेचने पड़े थे। रहमान पहले हिंदू थे, लेकिन मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया था क्योंकि उनकी मां हिंदू होते हुए भी उन्हें सूफी संत पीर करीमुल्लाह पर पूरा भरोसा करती थीं। एक बार रहमान ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि पिता के देहांत के 10 साल बाद हम कादरी साहब से मिलने पहुंचे जब उनकी तबीयत खराब थी। वे मेरी मां को बेटी की तरह मानते थे। और उस दौरान मां ने उनकी सेवा की। इस दौरान उन्हें यह समझ आ गया था कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए एक रास्ता चुनना है। सूफिज्म का रास्ता उन्हें और मां दोनों को पसंद था। पिता से संगीत विरासत में मिला था। इसलिए उन्होंने सूफी इस्लाम को अपनाने का फैसला किया। कहा ये भी जाता है कि एक बार रहमान की बहन की बहुत तबीयत खराब हो गई थी। उन्होंने हर जगह बहुत मिन्नतें मांगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। फिर वह एक मस्जिद में अपनी बहन के ठीक होने की दुआ करने गए और ये दुआ रंग लाई। रहमान इस बात से प्रभावित हुए और उन्होंने अपना धर्म बदल लिया। ए.आर. रहमान का पूरा नाम ’अल्लाह रखा रहमान’ है। रहमान का असली नाम दिलीप कुमार था, जो कि उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं था। रहमान हमेशा से ही अपना नाम बदलना चाहते थे। मगर उन्हें ऐसा करने का सही मौका नहीं मिल रहा था। रहमान की बायोग्राफी ’द स्पिरिट ऑफ़ म्यूजिक’ के मुताबिक, एक ज्योतिष की सलाह पर रहमान ने अपना नाम बदला था। नाम बदलने को लेकर एक बार रहमान ने इंटरव्यू में बताया था कि मुझे मेरा नाम पसंद नहीं था। वह मेरी इमेज पर सूट भी नहीं करता था। इसलिए उन्होंने नाम बदलने की सोची। एक बार वह अपनी बहन की कुंडली दिखाने एक ज्योतिष के पास गए। और मैंने उनसे अपने नाम बदलने की बात रखी। उन्होंने मुझे अब्दुल रहमान और अब्दुल रहीम नाम रखने की सलाह दी। मुझे रहमान नाम पसंद नहीं था और मां चाहती थी कि मैं अपने नाम में अल्लाह रक्खा जरूर रखूं। मुझ रहमान नाम पसंद आया और मां की पसंद को ध्यान रखते हुए मैंने ए आर रहमान नाम रख लिया। ए आर रहमान ने अब तक करीब 150 से ज्यादा गानों में अपना संगीत दिया है। उनकी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में ’रंगीला’, ’रोजा’, ’बॉम्बे’, ’दिल से’, ’लगान’ और ’ताल’ शामिल है। ’जोधा अकबर’, ’स्लमडॉग मिलेनियर’ और ’दिल्ली 6’ में भी संगीत दिया। रहमान गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय हैं। वह ऐसे पहले भारतीय भी हैं, जिन्होंने ब्रिटिश भारतीय फिल्म ’स्लमडॉग मिलेनियर’ में उनके संगीत के लिए तीन ऑस्कर नॉमिनेशन हासिल हुआ। उन्हें 14 फिल्मफेयर, 11 फिल्मफेयर अवॉर्ड साउथ, चार राष्ट्रीय पुरस्कार, दो अकादमी और दो ग्रैमी अवॉर्ड मिल चुका है। वहीं साल 2000 में पद्मश्री और 2010 में पद्म विभूषण से नवाजा जा चुका है। रहमान अब तक लगभग 130 से भी ज्यादा अवार्ड्स अपने नाम कर चुके हैं।