- प्रणव बजाज

कैमरों की मदद से होगी बाघों की सुरक्षा और मूवमेंट की निगरानी
वन विभाग द्वारा भोपाल से सटे वनक्षेत्र कलियासोत, मेंडोरा, चीचली और इसके आसपास जंगलों में बाघों के बढ़ते मूवमेंट को देखते हुए अब इस एरिया की निगरानी रखने के लिए ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए विभाग एक दर्जन ट्रैप कैमरे खरीदने की तैयार कर रहा है। यानी अब कैमरों की मदद से वन्य जीवों की सुरक्षा और मूवमेंट पर नजर रखी जा सकेगी। फिलहाल सामान्य वन मंडल के पास पचास ट्रैप कैमरे हैं। इनमें से कुछ कई साल पुराने होने के कारण ठीक से काम नहीं कर रहे हैं तो कुछ बारिश में खराब हो गए हैं। इसलिए नए कैमरे लिए जा रहे हैं। समरधा रेंज को बाघों की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। ट्रैप कैमरे लगने के बाद जब भी इसके आसपास से वन्य प्राणी गुजरते हैं तो यह कैमरे उनके फोटो खींच लेते हैं। इस तरह क्षेत्र में बाघ व दूसरे वन्य प्राणियों के मूवमेंट के बारे में वन विभाग को जानकारी मिलती रहती है। यह बाघों की सुरक्षा और निगरानी में काम आती है।
अब टोल नाकों पर प्रति किमी के हिसाब से देना होगा टैक्स
राज्य सरकार ने टोल नाकों पर लगने वाले टैक्स की दरों में संशोधन कर दिया है। दरअसल यह नई दरें उन छह मार्गों के लिए लागू होंगी, जिन्हें एमपीआरडीसी ने ओएमटी स्कीम में मेंटेनेंस के लिए चुना है। इनमें बड़वाह-धामनोद, भोपाल-विदिशा, मनावर-माँगोद, सरदारपुर-राजगढ़, दमोह-हटा-गैसाबाद और शिवपुरी पोहरी मार्ग शामिल है। अब एक किलोमीटर के प्रति फेरा मल्टी एक्सेल ट्रक को 4.21 रुपए टोल टैक्स देना होगा जबकि खाली या हल्के व्यवसायिक वाहन से 85 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल वसूला जाएगा। शासन द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार यह दरें एक सितंबर से लागू हो जाएंगी। अभी टोल नाकों पर हल्के व्यावसायिक वाहन से 25 रुपए टैक्स लिया जाता था। पचास किलोमीटर के लिए एक फेरे का 42.50 रुपए टोल लगेगा। इसी तरह खाली या भरे ट्रक को 80 रुपए देने पढ़ते थे, अब 105.50 रुपए टोल पर देने होंगे। यानी किलोमीटर के हिसाब से इसमें बढ़ोतरी होगी। मल्टी एक्सेल ट्रक को 100 किलोमीटर के लिए एक फेरे के लिए 421 रुपए का भुगतान करना होगा।
क्यों मंत्री गोपाल भार्गव को बतानी पड़ी ‘शिव महिमा’ !
प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव भोजपुर के शिवलिंग को तिरंगे से सजाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि किन्हीं लोगों ने भोजपुर के विश्व प्रसिद्ध शिवलिंग को तिरंगे से सजाया है। तिरंगा हमारे लिए गौरव और शान का प्रतीक है लेकिन हमारे देवी देवताओं की पूजा एवं कर्मकांड के परंपराएं सहस्रों वर्ष पुरानी है और सारस्वत है। उन्होंने लिखा कि तुलसीदास जी ने शिव को निराकार रूप में माना है। भगवान के बारे में हमें अपनी मर्यादाओं को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि शिव तो स्वत: त्रिपुंड धारी है, त्रिशूलधारी हैं, त्रिलोचन है, त्रिपुरारी है। उन्हें केसर का तिलक लगाइए, जो अखिल ब्रह्मांड के अधिष्ठाता है। सारी पृथ्वी और आकाश के रंग या झंडे के रंग सभी मिलकर भी निराकार नीलकंठ को कम पड़ जाएंगे। भार्गव ने लोगों द्वारा दुर्गा और गणेशोत्सव के दौरान भी अपने-अपने तरीके से मूर्तियां बनवाए जाने पर कहा कि यह हमारी परंपरा नहीं है। यह शास्त्र संमत भी नहीं है। इसे हम न करें तो ज्यादा पुण्य मिलेगा।
ऊर्जा मंत्री तोमर बकाया की वसूली को लेकर हुए सख्त
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने निजी कंपनियों पर बिजली बिलों की बकाया राशि की वसूली को लेकर सख्त तेवर अपनाए हैं। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि निजी कंपनियों से विद्युत शुल्क एवं उपकार की वसूली में कोताही न की जाए। लक्ष्य के अनुरूप वसूली करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करें और लक्ष्य के अनुरूप वसूली करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत भी करें। उन्होंने कहा कि कम से कम तीन माह में एक बार इसकी समीक्षा की जानी चाहिए जिससे वसूली में तेजी आए। तोमर ने कहा कि लाइसेंस देने के संबंध में लंबित प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में होना चाहिए। सभी अधिकारी मैदानी स्तर पर निरीक्षण करें। आरआरसी के प्रकरणों पर तुरंत कार्यवाही करें। यही नहीं ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि विद्युत दुर्घटनाओं की जांच में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।