बिच्छू राउंड-अप/बच्चों में दिखने वाले ये तीन लक्षण हो सकते हैं घातक

 कोरोना वायरस

बच्चों में दिखने वाले ये तीन लक्षण हो सकते हैं घातक
चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस लगभग पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है और कई देशों में तो इस वायरस की दो लहरें तक आ चुकी हैं। इनमें से एक भारत भी है। यहां भी इस कोरोना वायरस की दो लहरें आ चुकी हैं। वहीं, विशेषज्ञ तीसरी लहर के आने की आशंका काफी पहले ही जाहिर कर चुके हैं। वैसे तो इस लहर से हर किसी को खतरा है, लेकिन वयस्कों के मुकाबले बच्चों के लिए ये तीसरी लहर काफी घातक बताई जा रही है। ऐसे में जरूरी है कि हम बच्चों का खास ख्याल रखें। आपको तीन ऐसे लक्षणों के बारे में बताते हैं, जो कोरोना होने का संकेत देते हैं और इन लक्षणों के दिखते ही हमें डॉक्टर से संपर्क करना और जांच करवाने जैसे जरूरी कदम उठाने चाहिए। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में। अगर आपके बच्चे को तेज बुखार आ रहा है, तो इस लक्षण को हल्के में लेने की भूल न करें। इस दौरान आप जब बच्चे की छाती या पीठ को छुएंगे, तो आपको ये गर्म महसूस होगी। बच्चा अगर लगातार खांसी कर रहा है, तो ये भी सही नहीं है। बच्चे को एक घंटे से अधिक या दिन में ज्यादा बार या फिर कई दिनों से खांसी हो रही है, तो ऐसे में आपको सावधान रहने की जरूरत है। अगर आपके बच्चे को गंध महसूस नहीं हो रही है या ये बेहद कम महसूस हो रही है। इसके अलावा उन्हें किसी चीज में स्वाद नहीं आ रहा है, तो आपको काफी सावधान रहने की जरूरत है। ये भी बच्चों में कोरोना का एक लक्षण होता है।

काशी विश्वनाथ धाम को ज्ञानवापी मस्जिद ने दी जमीन
काशी विश्वनाथ धाम को भव्य बनाने में मुस्लिम समाज ने भी अपना योगदान दिया है। ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की ओर से मस्जिद से सटी 17 सौ स्क्वायर फीट जमीन को धाम के निर्माण के लिए लिखा-पढ़ी में मंदिर के पक्ष में दे दिया है। इसके बदले में मंदिर प्रशासन ने मुस्लिम समाज को एक हजार स्क्वायर फीट जमीन दी है। शुक्रवार को मिली जमीन पर स्थापित जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम के ध्वस्तीकरण का काम भी शुरू हो गया। काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन और ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की ओर से बातचीत के दौरान जमीन हस्तांतरण पर सहमति बनी थी। सावन व बकरीद से पहले ही जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया को मूर्त रूप देकर काम शुरू हो गया है। कोर्ट की सहमति के आधार पर हुए इस समझौते को बेहद अहम माना जा रहा है। इस जमीन पर फिलहाल जिला प्रशासन का कंट्रोल रूम स्थापित था। इसके साथ ही बाबा दरबार में 17 सौ वर्ग फीट का और इजाफा हो गया है।

महाराष्ट्र सरकार का निर्देश..जरूरत पर ही कार्यालय में इस्तेमाल कर सकेंगे फोन
देश में पेगासस स्पाईवेयर से जासूसी के मामले के बीच महाराष्ट्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए नया फरमान जारी किया। इसके तहत कर्मचारियों को बेहद जरूरत होने पर ही कार्यालय में फोन इस्तेमाल करने का आदेश दिया गया। राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार (23 जुलाई) को जारी आदेश के मुताबिक, कार्यालय में काम के दौरान मोबाइल फोन का कम से कम इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया। साथ ही, लैंडलाइन फोन को ज्यादा बेहतर बताया गया। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने मोबाइल फोन की जगह बातचीत के लिए एसएमएस भेजने को तरजीह देने के लिए कहा है। इसके अलावा कार्यालय में कामकाज के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी कम से कम करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, निजी फोन कॉल्स पर बातचीत कार्यालय से बाहर करने का आदेश भी दिया गया।

12-17 की उम्र के बच्चों के लिए मॉडर्ना को यूरोप में मंजूरी मिली
दुनिया में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। ऐसे में ज्यादातर देश अपने यहां युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन में जुटे हैं। फिलहाल 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा रही हैं। ऐसे में बच्चों पर अभी भी वायरस का खतरा मंडरा रहा है। अब इस मामले में एक अच्छी खबर सामने आई है। यूरोपीय यूनियन की टॉप मेडिकल बॉडी ने 12-17 की उम्र के बच्चों के लिए मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इससे पहले यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने मई में फाइजर को इस एज ग्रुप के लिए मंजूरी दी थी। ईएमए ने कहा कि 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के लिए स्पाइक वैक्स वैक्सीन का इस्तेमाल 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों की तरह ही किया जाएगा। वैक्सीन के दो डोज दिए जाएंगे। इनके बीच 4 हफ्ते का ही अंतर रखा जाएगा। ईएमए के मुताबिक, 12-17 साल के 3,732 बच्चों पर स्पाइकवैक्स का ट्रायल किया गया था। इसके रिजल्ट सकारात्मक मिले। इस दौरान पाया गया कि सभी के शरीर में अच्छी मात्रा में एंटीबॉडी बनीं। उतनी ही एंटीबॉडी 18 से 25 साल के लोगों में भी देखी गई थीं।

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