- प्रणव बजाज

कोविड को लेकर ये तीन विधायक हैं चिंतित
प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन और दवाओं की कालाबाजारी को लेकर मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब सत्तारूढ़ भाजपा के तीन विधयकों ने इस पर चिंता जताई है। मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी, नरसिंहपुर विधायक एवं पूर्व मंत्री जालम सिंह पटेल के साथ ही भोपाल की गोविंदपुरा सीट से विधायक कृष्णा गौर ने तीखे तेवर दिखाए है। कृष्णा गौर ने भेल के सौ मजदूरों की मौत पर नाराजगी जताई है। जालम सिंह ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए इसकी जांच की मांग की है, उन्होंने कहा कि मैं खुद इसका भुक्तभोगी हूं। वहीं नारायण त्रिपाठी ने बच्चों में घातक संक्रमण को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार को बच्चों के लिए युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू करना चाहिए। उन्होंने आयुष्मान और कोविड-19 योजना का लाभ नहीं मिलने की भी शिकायत की है।
श्रीमंत ने गुना जिला अस्पताल के लिए मांगा ऑक्सीजन प्लांट
भाजपा के राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से गुना के जिला अस्पताल के लिए ऑक्सीजन प्लांट मांगा है। सिंधिया ने इस संबंध में प्रधान को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि आज पूरा देश वैश्विक महामारी कोविड-19 का सामना कर रहा है। ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों को भटकना पड़ रहा है। ऐसे में इस बीमारी के तहत ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना बहुत ही जरूरी हो गया है। सिंधिया ने पत्र में लिखा कि मुझे पता चला है कि गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गैल) द्वारा मध्य प्रदेश के कई जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया है। यदि आप गुना के जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की स्वीकृति प्रदान करेंगे तो मैं अनुग्रहित होऊंगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे न सिर्फ गुना जिला बल्कि राजगढ़ और अशोकनगर जिलों के लोगों को इलाज का समुचित लाभ मिल सकेगा।
फिर सवालों के घेरे में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम
कोरोना महामारी के संकट काल में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। यही नहीं जब प्रदेश में कोरोना से लगातार मौतें हो रही थी मरीज और उनके परिजन अस्पताल में बेड नहीं मिलने, दवाई, इंजेक्शन और ऑक्सीजन के लिए भटक रहे थे तब भी डॉ प्रभुराम के सक्रिय नहीं दिखे। हालांकि संकट के इस पूरे सवा साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरी मुस्तैदी के साथ मोर्चा संभाला और लगातार स्थिति पर नजर रखते हुए प्रत्येक जिले के कलेक्टर एसपी से फीडबैक लेते रहे। साथ ही मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव और सचिव स्तर की अफसरों को कोरोना नियंत्रण एवं दवाई, ऑक्सीजन की आपूर्ति की व्यवस्था में लगाया गया। दिलचस्प है कि हाल ही में इंदौर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी से जब कोरोना संक्रमण के म्यूटेंट बारे में पूछा गया तो वे नहीं बता पाए कि कोरोना के कितने म्युटेंट सक्रिय है। उनकी इस अधूरी जानकारी से एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं।
कांग्रेस के मोर्चा संगठनों में होगा जल्द बदलाव
प्रदेश कांग्रेस में एक बार फिर संगठन स्तर पर बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हुई है। प्रदेश में पहले विधानसभा और लोकसभा चुनाव की वजह से मोर्चा संगठनों में बदलाव की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया था। हालांकि पिछले साल युवा कांग्रेस के चुनाव जरूर कराए गए और डॉ विक्रांत भूरिया को अध्यक्ष बनाया गया। सूत्रों की मानें तो पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कोरोना संकट खत्म होते ही इस बदलाव के संकेत दिए हैं। दरअसल कोरोना की वजह से संगठनात्मक गतिविधियां सभी स्तर पर थम गई है। स्थितियां सामान्य होते ही जिन संगठनों के चुनाव लंबित हैं उनके चुनाव कराए जाएंगे और जहां नियुक्तियां होनी है वहां यह नियुक्तियां होंगी। खास बात है कि संगठन में यह बदलाव वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर होगा। इसमें कांग्रेस के कुछ जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के साथ ही एनएसयूआई के चुनाव होंगे। वहीं महिला कांग्रेस में भी अध्यक्ष की नियुक्ति होनी है।