बिच्छू राउंडअप/गलती हो गई, भारत विरोधियों को हम पनाह देते हैं, कनाडा ने स्वीकार की सच्चाई

गलती हो गई, भारत विरोधियों को हम पनाह देते हैं’, कनाडा ने स्वीकार की सच्चाई
कनाडा ने पहली बार स्वीकार किया है कि खालिस्तानी चरमपंथी भारत में हिंसा-आतंकवाद फैलाने के लिए कनाडा की जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं। कनाडा की खुफिया एजेंसी की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि खालिस्तानी कनाडा का इस्तेमाल भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने या प्लान बनाने के रूप में कर रहे हैं। सीएसआईएस ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कुछ प्रमुख चिंताओं और खतरों को रेखांकित किया है। कनाडा की खुफिया एजेंसी सीएसआईएस की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है, खालिस्तानी चरमपंथी मुख्य रूप से भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने या योजना बनाने के लिए कनाडा को आधार के रूप में इस्तेमाल करना जारी रखे हुए हैं। सीएसआईएस की रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि कनाडा भारत विरोधी तत्वों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है, जिससे सालों से उठाई जा रही भारत की चिंताएं पुष्ट होती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, कुछ व्यक्तियों के एक छोटे समूह को खालिस्तानी चरमपंथी माना जाता है, क्योंकि वे कनाडा को मुख्य रूप से भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने या योजना बनाने के लिए आधार के रूप में उपयोग करते हैं। विशेष रूप से, कनाडा से उभरने वाला वास्तविक और कथित खालिस्तानी चरमपंथ कनाडा में भारतीय विदेशी हस्तक्षेप गतिविधियों को बढ़ावा देता रहता है।

पुणे में दर्दनाक सडक़ हादसा, कार ने पिकअप को मारी टक्कर, 8 लोगों की मौत
महाराष्ट्र के पुणे जिले में बुधवार को बेहद ही दर्दनाक सडक़ हादसा हुआ है। जेजुरी मोरगांव रोड पर हुए इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई है। जेजुरी पुलिस स्टेशन की सीमा में बुधवार को शाम 6:45 बजे के करीब किर्लोस्कर कंपनी के पास श्रीराम ढाबे के सामने जेजुरी-मोरगांव रोड पर ये भीषण हादसा हुआ। दरअसल, श्रीराम ढाबे के मालिक वायसे अपने ढाबे के लिए फ्रिज को पिकअप वाहन से नीचे उतार रहे थे, तभी पीछे से तेज रफ्तार में आ रही स्विफ्ट डिजायर कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में सात पुरुष और एक महिला की मौत हो गई, जबकि एक पुरुष, एक महिला और दो छोटे बच्चे घायल हो गए हैं। मृतकों के शव जेजुरी ग्रामीण अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए हैं। घायलों में एक पुरुष, एक महिला और दो छोटे बच्चों का उपचार शांताई हॉस्पिटल, जेजुरी में चल रहा है। पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह गिल ने पुष्टि की कि स्थानीय पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और क्रेन की मदद से मलबे को हटाने की प्रक्रिया शुरू की। घटनास्थल से क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाने के प्रयास जारी हैं।

दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज में भारत के 50 विश्वविद्यालय शामिल
इस साल की क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत की यूनिवर्सिटीज ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। लगभग 50 प्रतिशत भारतीय संस्थानों की रैंकिंग में सुधार हुआ है, जो देश की उच्च शिक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। आईआईटी दिल्ली ने इस साल सबसे बड़ी छलांग लगाई है। यह संस्थान अब ग्लोबल रैंकिंग में 123वें स्थान पर पहुंच गया है। दो साल पहले यानी 2024 में रैंक 19 और 2025 में 150 परथा। आईआईटी बॉम्बे, जो पिछली बार भारत में पहले स्थान पर था, अब दूसरे स्थान पर है। हालांकि इसकी रैंकिंग थोड़ी नीचे गई है – 2025 में यह 118 पर था और अब 129 पर आ गया है। आईआईटी मद्रास की रैंकिंग में भी बड़ी सुधार देखने को मिला है। चेन्नई स्थित यह संस्थान अब 180वें स्थान पर है, जो कि पहली बार टॉप 200 में शामिल हुआ है। पिछले साल यह 227वें नंबर पर था। इन तीनों के बाद आईआईटी खडग़पुर और आईआईटी बैंगलोर ने चौथा और पांचवां स्थान हासिल किया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में भी अच्छा सुधार हुआ है।

110 स्टूडेंट्स वॉर जोन से निकाले गए, ऑपरेशन सिंधु के तहत पहला जत्था दिल्ली पहुंचा
ईरान और इजरायल में जारी संघर्ष के बीच राहत की खबर सामने आई है। युद्धग्रस्त ईरान से निकाले गए 110 भारतीय छात्रों को लेकर एक विशेष विमान गुरुवार तडक़े दिल्ली पहुंचा। इन स्टूडेंट्स को पहले ईरान से आर्मेनिया पहुंचाया गया था, जहां से उन्हें भारत लाया गया। इन स्टूडेंट्स में 90 स्टूडेंट्स जम्मू-कश्मीर से हैं, जो मुख्य रूप से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। एयरपोर्ट पर छात्रों के परिजन बेसब्री से अपने बच्चों का इंतजार कर रहे थे। कोटा, राजस्थान से आए एक पिता ने कहा, मेरा बेटा ईरान में एमबीबीएस कर रहा था। वह अब भारत सरकार द्वारा भेजे गए विशेष विमान से लौट रहा है। मैं भारतीय दूतावास का धन्यवाद करता हूं। छात्र अमान अजहर ने दिल्ली में लैंड करने के बाद एएनआई से कहा, मैं बहुत खुश हूं। शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि अपने परिवार से मिलकर कैसा महसूस कर रहा हूं। ईरान में हालात बहुत खराब हैं। वहां के लोग भी हमारी तरह हैं, छोटे-छोटे बच्चे हैं जो तकलीफ में हैं। युद्ध किसी के लिए अच्छा नहीं होता। यह इंसानियत को खत्म कर देता है।

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