- प्रणव बजाज

फिलहाल जयंत मलैया पर एक्शन लेने के मूड में नहीं है संगठन
दमोह उपचुनाव की हार के बाद पूर्व मंत्री जयंत मलैया को मिले नोटिस के जवाब में उन्होंने अपना पक्ष भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मिलकर रख दिया है। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि मलैया ने नोटिस का जवाब लिखित में दिया या मौखिक। बहरहाल उनकी प्रदेश अध्यक्ष के साथ चर्चा हुई है। वहीं अब माना जा रहा है कि संगठन अपने समर्पित कार्यकर्ताओं पर फिलहाल एक्शन लेने के मूड में नहीं दिखती। उसकी वजह यह है कि दमोह में जनता ने यह दिखा दिया कि वह सरकार के काम से खुश नहीं है। दूसरी ओर मलैया के पक्ष में पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी, अजय विश्नोई, कुसुम मेहदेले और रुस्तम सिंह जैसे नेता खड़े हो गए। वहीं आने वाले समय मे प्रदेश में एक लोकसभा और तीन विधानसभाओं के साथ ही नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव भी होने हैं। भाजपा यह अच्छी तरह समझती है कि जनता पिछले विधानसभा चुनाव में उसे सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। जैसे तैसे जोड़तोड़ कर फिर से सत्ता में आए हैं। ऐसे में पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं पर एक्शन लेकर संगठन और पंगा नहीं लेना चाहेगा।
सांसद तन्खा ने खाद की कीमतों में की गई वृद्धि पर जताई चिंता
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने खाद की 58 फीसदी तक बढ़ाई गई कीमतों पर चिंता जताई है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा कि कोरोना के इस दौर में प्रदेश के लाखों युवा बेरोजगार हैं, महंगाई आसमान छू रही है। ऐसे में खाद की कीमतों में वृद्धि सिर्फ किसानों को ही प्रभावित नहीं करेगी बल्कि खेती की लागत बढ़ने से अनाज और सब्जियों की कीमतों में भी वृद्धि करेगी। जिसे आप रोक नहीं पाएंगे। उन्होंने अक्षय तृतीया पर प्रधानमंत्री द्वारा देश के किसानों को भेजे संदेश का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा कि वे किसानों को सहायता राशि जारी कर रहे हैं। संदेश पढ़कर ऐसा लगा कि सरकार किसानों की भलाई के लिए कदम उठा रही है। वहीं आश्चर्य हुआ कि एक तरफ पीएम किसानों को सहायता का आश्वासन दे रहे हैं और दूसरी तरफ आपकी सरकार किसानों पर खाद के दामों में बेतहाशा वृद्धि का बोझ लादने पर आमादा है। यह बहुत ही आश्चर्यजनक है।
एक जून से बदल जाएगी सोना बेचने की व्यवस्था
भारत सरकार सोने के गहनों की खरीदारी में धोखाधड़ी को खत्म करने के लिए एक जून से हॉलमार्किंग व्यवस्था अनिवार्य करने जा रही है। इसके बाद दुकानदार बिना हॉल मार्क के गहने नहीं दे सकेंगे। ऐसा करने पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना और पांच साल की सजा का प्रावधान है। फिलहाल पूरे देश में 900 हॉलमार्किंग सेंटर है। वहीं अब भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से लाइसेंस लेकर कोई भी हॉलमार्किंग सेंटर शुरू कर सकता है। एक सेंटर में लगने वाली मशीनों और उपकरणों की लागत करीब एक करोड़ रुपए है और एक गहने की जांचकर उस पर हॉलमार्क करने का शुल्क अधिकतम 35 रुपए लिया जा सकता है। बता दें कि पूर्व में यह नियम 15 जनवरी से ही लागू होना था लेकिन कोरोना की वजह से इसे एक जून से लागू किया जाएगा।
इन दो कलेक्टरों के रचनात्मक कार्यों की हो रही चर्चा
प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर तेजी से फैली है। इसमें कई लोगों की जानें तक चली गईं। बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए। ऐसे में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किए गए उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और धार कलेक्टर आलोक सिंह के सार्थक प्रयासों की चर्चा की जा रही है। दरअसल उज्जैन जिले में आशीष सिंह ने शुरूआत में ही मरीजों की जल्द पहचान के लिए घर-घर स्वास्थ्य सर्वे शुरू कराया और सर्दी जुकाम के मरीजों को घर पर ही मेडिकल किट दिलवाने का काम किया। कोविड मरीजों को प्रशासन स्तर पर आॅक्सीजन बैंक और कंसन्ट्रेटर मशीनों की व्यवस्था कराई। वहीं धार में आलोक सिंह की सरकारी अस्पतालों से नौकरी छोड़ चुके डॉक्टरों की सेवाएं लेना और जिला अस्पतालों में कमी होने पर निजी डॉक्टरों की सेवाएं लेना सार्थक रहा। उनके द्वारा सीएसआर फंड से संसाधन जुटाकर ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड सेंटर और ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई गई। यही नहीं ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए आलोक सिंह ने अन्य जिलों को भी ऑक्सीजन की व्यवस्था की।