बिच्छू राउंडअप/आईपीएल का फाइनल आज: बेंलगुरु चौथी और पंजाब दूसरी बार फाइनल खेलेगी

आईपीएल
  • रवि खरे

आईपीएल का फाइनल आज: बेंलगुरु चौथी और पंजाब दूसरी बार फाइनल खेलेगी
इंडियन प्रीमियर लीग 2025 का फाइनल मुकाबला आज पंजाब किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच खेला जाएगा। दोनों को 18 साल से पहले टाइटल का इंतजार है। मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में शाम 7:30 बजे से खेला जाएगा। 3 साल बाद लीग को नया चैंपियन मिलेगा। आईपीएल को पिछला नया चैंपियन 2022 में मिला था, तब गुजरात टाइटंस ने राजस्थान को फाइनल हराया था। बेंगलुरु चौथी और पंजाब दूसरी बार फाइनल में पहुंची है, लेकिन दोनों टीमों के बीच आपस में पहला ही फाइनल होगा। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु 2009, 2011 और 2016 में फाइनल हार चुकी है, वहीं पंजाब किंग्स को 2014 में इकलौता फाइनल गंवाना पड़ा था। पंजाब किंग्स  और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच आईपीएल इतिहास में अब तक 36 मुकाबले खेले गए। दोनों ने 18-18 मैच जीते। नरेंद्र मोदी स्टेडियम में दोनों टीमें दूसरी बार भिड़ेंगी। दोनों इसी सीजन के क्वालिफायर-1 में भी भिड़ी थीं, तब बेंगलुरु ने 8 विकेट से मैच जीता था। इस सीजन दोनों के बीच चौथा मैच होगा। 2 में बेंगलुरु और 1 में पंजाब को जीत मिली। नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों को मदद करती है। यहां रविवार को क्वालिफायर-2 खेला गया था। इसमें पंजाब ने मुंबई के खिलाफ 204 रन का टारगेट चेज कर लिया था। ऐसे में आज भी हाई स्कोरिंग मुकाबला देखने के मिल सकता है।

संभल में बुलडोजर एक्शन, प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बने कब्रिस्तान को किया जमींदोज
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्राचीन कूप से सटी हुई सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाए गए कब्रिस्तान को प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह कार्यवाही भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में राजस्व विभाग की टीम ने पैमाइश कराने के बाद की। साथ ही कब्रिस्तान बनाकर किए गए अवैध कब्जे को हटवाकर प्रशासन ने सरकारी जमीन की बाउंड्री कराकर कब्जे में ले लिया है। दरअसल, संभल सदर कोतवाली इलाके के मंडी किशनदास सराय में पिछले दिनों मिले प्राचीन चतुर्मुख कूप पर डीएम राजेंद्र पैंसिया और एसडीएम वंदना मिश्रा पहुंचे थे। जहां प्राचीन कूप के बराबर की जमीन सरकारी होने और सरकारी जमीन पर कब्रिस्तान होने की शिकायत सामने आई थी। जिसके बाद डीएम ने एसडीएम को मामले की जांच पड़ताल करके कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। सोमवार को तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह और नायब तहसीलदार सतेंद्र कुमार, राजस्व विभाग की टीम और रैपिड एक्शन फोर्स व पीएसी को लेकर बुलडोजर के साथ मौके पर पहुंचे।

ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष सत्र को लेकर विपक्ष की मांग पर गंभीर नहीं सरकार
विपक्ष की ओर से ऑपरेशन सिंदूर पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर केंद्र सरकार विचार नहीं कर रही है। जुलाई में संसद का मानसून सत्र प्रस्तावित है, ऐसे में विशेष सत्र बुलाने की मांग को सरकार औचित्यहीन मान रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े समेत विपक्ष के कई नेताओं ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। यह मांग तब और तेज हो गई जब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा बयान दिया। सूत्रों के अनुसार, विपक्ष की इस मांग को लेकर खुद विपक्षी खेमे में भी एकराय नहीं है, और सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद चलाया गया एक महत्वपूर्ण सैन्य अभियान है, जिसे लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक पहलुओं पर बहस की मांग की जा रही है। फिलहाल सरकार का रुख स्पष्ट है कि इस विषय पर चर्चा मानसून सत्र में हो सकती है, लेकिन इसके लिए विशेष सत्र बुलाने की आवश्यकता नहीं है।  

सुकमा में 16 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, अब गांव को मिलेगी 1 करोड़ की विकास राशि
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। पुलिस के अनुसार, इन नक्सलियों में से 6 पर कुल 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें से 9 नक्सली केरलापेंडा ग्राम पंचायत के थे, जो चिंतलनार थाना क्षेत्र में आता है। पुलिस का कहना है कि इन आत्मसमर्पणों के साथ ही यह गांव अब नक्सलमुक्त हो गया है, और अब यह राज्य सरकार की नई योजना के तहत 1 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का पात्र बन गया है। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि सभी 16 नक्सलियों, जिनमें एक महिला भी शामिल है, ने पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया। उन्होंने बताया कि इन नक्सलियों ने माओवादी विचारधारा की खोखलेपन और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों से निराश होकर यह कदम उठाया। नक्सलियों को राज्य सरकार की नियाद नेलनार (आपका अच्छा गांव) योजना और नक्सल आत्मसमर्पण/पीडि़त राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 ने भी प्रेरित किया।

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