बिच्छू राउंडअप/सरकार फिर से बेच रही एलआईसी में हिस्सेदारी, अगले सप्ताह से प्रोसेस शुरू

  • रवि खरे
एलआईसी में हिस्सेदारी

सरकार फिर से बेच रही एलआईसी में हिस्सेदारी, अगले सप्ताह से प्रोसेस शुरू
केंद्र सरकार एक बार फिर से देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। रिपोर्ट की मानें तो विनिवेश के पहले चरण में लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन 3त्न स्टेक सेल कर सकती है। इसमें कहा गया कि मोतीलाल ओसवाल और आईडीबीआई कैपिटल इस ऑफर फॉर सेल के लिए बैंकर की भूमिका निभा सकते हैं। बिजनेस टुडे पर छपी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि केंद्र सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम में अपने नियोजित विनिवेश को बढ़ावा देने के लिए अगले दो हफ्तों में रोड शो शुरू करने की तैयारी कर रही है। पहले चरण में, केंद्र इस एलआईसी अपनी 2।5त्न से 3त्न हिस्सेदारी तक बेचने पर विचार कर रही है। हालांकि, सरकार द्वारा बेची जाने वाली स्टेकहोल्डिंग के बारे में स्पष्ट आंकड़ा और ओएफएस की कीमत रोडशो के पूरा होने के बाद तय होने की उम्मीद है।

ट्रंप, टैरिफ और एमएसएमई… भारत के इन उद्यमों को नुकसान होने की आशंका
ट्रंप के टैरिफ से सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों को अधिक नुकसान होने का अनुमान है। कुल निर्यात में 45 प्रतिशत से ज्यादा योगदान इसी क्षेत्र का है। देखा जाए तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने के लिए टैरिफ को अपनी आर्थिक नीति का अहम हिस्सा बनाया है। इसी तहत 27 अगस्त से भारत पर 50त्न टैरिफ लगाने का निर्णय लिया गया है। मूडीज के अनुसार इससे 2026 में भारत की त्रष्ठक्क वृद्धि दर 30 आधार अंक घट सकती है। भारत पर अमेरिका के 50 प्रतिशत शुल्क से निर्यात को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए जल्द ही वित्तीय पैकेज की घोषणा हो सकती है। गत बजट में घोषित एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन के तहत निर्यातकों को खासकर एमएसएमई को विशेष वित्तीय सुविधा देने का एलान किया जा सकता है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन के तहत इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। अमेरिकी शुल्क के बाद यह कवायद और तेज हो गई है और विभिन्न एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल से विचार-विमर्श किया जा रहा है। निर्यात प्रोत्साहन के लिए निर्यात ऋण विकास स्कीम, ई-कामर्स एक्सपोर्ट क्रेडिट कार्ड, फोकस्ड मार्केट इंसेंटिव स्कीम, एमएसएमई निर्यातकों को बिना गिरवी के लोन देने जैसी सुविधा दी जा सकती है।

बंगाल समेत पांच राज्यों में आकस्मिक बाढ़ का खतरा, हिमाचल में बादल फटा
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बीच चार जगह बादल फटने और अचानक बाढ़ आई। इसमें दो शेड, चार गाडिय़ां और चार कॉटेज समेत कई पुल पानी के सैलाब में बह गए। वहीं, प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में दो लोग लापता हो गए हैं, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। प्रदेश पर जल प्रलय का खतरा भी मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने उत्तराखंड के साथ ही हिमाचल प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के ज्यादातर क्षेत्रों में अचानक बाढ़ आने की चेतावनी दी है। लोगों को नदी-नालों के आसपास जाने से बचने को कहा है। पहाड़ी राज्यों के साथ ही बिहार पहले से ही बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है। बिहार में 10 जिलों में लगभग 25 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।  शिमला जिले में भारी बारिश के कारण गानवी घाटी में ताजा बाढ़ में एक पुलिस चौकी बह गई। एक बस स्टैंड और आसपास की दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। दो पुल बह गए, जिससे जिले की कूट और क्याव पंचायतें कट गईं।

दुर्गम पहाड़ सुरक्षाबलों के लिए चुनौती, घाटी में 21 माह में 20 जवान बलिदान
जम्मू-कश्मीर में सडक़ हादसों में सुरक्षा एजेंसियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक तरफ पहाड़ी इलाकों में तैनात सेना व अन्य बलों के लिए आतंकवाद की चुनौती है दूसरी तरफ इन इलाकों में मूवमेंट के दौरान सडक़ हादसों से बचना। बीते 21 महीनों में प्रदेश में 20 सुरक्षाकर्मी सडक़ हादसों में बलिदान हो गए। इनमें सबसे अधिक संख्या सेना के जवानों की है। सेना के 13 जवान बलिदान हुए हैं। जानकारी के अनुसार, जनवरी 2024 से लेकर अगस्त 2025 तक जम्मू-कश्मीर में सेना, सीआरपीएफ और बीएसएफ के 18 जवानों की जान सडक़ हादसों में चली गई। पुलिस के दो सब इंस्पेक्टर भी सडक़ हादसे में बलिदान हो गए। खासकर पहाड़ी इलाके सुरक्षाबलों को रास नहीं आ रहे। पुलिस के सब इंस्पेक्टरों को छोड़ दें तो बाकी सबकी जान पहाड़ी इलाकों में हुए हादसों में गई है। प्रदेश में औसत हर वर्ष 900 लोगों की जान सडक़ हादसों में जा रही है।

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