बिच्छू टोटल रिकॉल/बढ़ेंगे माननीयों के वेतन-भत्ते, विधेयक पेश करेगी सरकार

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बढ़ेंगे माननीयों के वेतन-भत्ते, विधेयक पेश करेगी सरकार
प्रदेश में विधायकों और पूर्व विधायकों वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं दिए जाने का फैसला एक महीने के भीतर ले लिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा कमेटी बनाई गई है। जो कि अपनी रिपोर्ट सरकार के समक्ष पेश करेगी। इसे सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाकर मंजूरी दिला सकती है। दरअसल, सामान्य प्रशासन विभाग ने 27 अक्टूबर को आदेश जारी करके विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन, भत्ते और पेंशन के संबंध में विचार करने के लिए समिति का गठन किया है। समिति में डिप्टी सीएम जगदीश देवडा विधायक अजय विश्नोई और खरगोन जिले के कसरावद विधायक सचिन यादव सदस्य बनाए गए हैं। समिति के सदस्य सचिव अपर मुख्य सचिव संसदीय कार्य विभाग अनुपम राजन बनाए गए हैं।

इंट्रा स्टेट कनेक्टिविटी स्थापित करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य
मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस पर प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में नई सौगात मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 1 नवंबर को राजा भोज एयरपोर्ट भोपाल से पीएम श्री हवाई पर्यटन हेलीकॉप्टर सेवा का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू भारत के विधि और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल, पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी भी उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के फ्लैग ऑफ के साथ तीनों हेलीकॉप्टर उज्जैन के लिए प्रस्थान करेंगे। हेलीकॉप्टर सेवा का नियमित संचालन 20 नवम्बर 2025 से होगा। पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा राज्य के पर्यटन स्थलों के बीच हवाई संपर्क को मजबूत बनाने के उद्देश्य से पीएम श्री हवाई पर्यटन हेलीकॉप्टर सेवा प्रारंभ की जा रही है। लोक-निजी भागीदारी मॉडल के अंतर्गत यह सेवा मध्यप्रदेश के पर्यटन को नई उड़ान देगी।

नगर निगम कमिश्नरों को भी जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी में चुनाव आयोग
निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश में वोटर्स के लिए एसआईआर की प्रक्रिया शुरू कराने के बीच मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मप्र ने प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों के आयुक्तों के लिए भी जिम्मेदारी तय करने का फैसला किया है। इसके लिए चुनाव आयोग को यह प्रस्ताव भेजा जा रहा है कि नगर निगम आयुक्तों को एडिशनल इलेक्शन ऑफि सर की जिम्मेदारी सौंपी जाए ताकि वे अपने शहरी क्षेत्र में चुनाव संबंधी व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार रहें और खुद एक्शन लेकर कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी को रिपोर्ट देते रहें। 7 फरवरी 2026 तक होने वाली एसआईआर को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय सभी कलेक्टरों के वोटर लिस्ट संबंधी काम की बारीकी से मॉनिटरिंग करने जा रहा है। कलेक्टरों से कहा गया है कि जिन बड़े नगर निगमों में आईएएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आयुक्त के रूप में पदस्थ हैं, वहां के अफसरों की चुनावी जिम्मेदारी बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव विचाराधीन है। अभी यह प्रस्ताव आयोग मुख्यालय की ओर से फाइनल नहीं हुआ है पर माना जा रहा है कि जल्दी ही इस पर अंतिम निर्णय हो सकता है।

प्रदेश में एक नवम्बर से नगरीय निकायों में होगी फेस अपडेट प्रणाली अनिवार्य
प्रदेश के सभी 413 नगरीय निकायों में केन्द्रीयकृत फेस आधारित उपस्थिति प्रणाली सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है। यह व्यवस्था एक नवम्बर से सभी नगरीय निकायों में अनिवार्य रूप से प्रभावशील हो जाएगी। यह प्रणाली निकायों में कार्यरत सभी शासकीय एवं अशासकीय कर्मचारियों पर समान रूप से लागू होगी। आयुक्त संकेत भोंडवे ने बताया कि यह पहल कर्मचारियों की उपस्थिति प्रक्रिया को अधिक सुगम, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नगरीय निकायों में भविष्य में कर्मचारियों के वेतन एवं भुगतान इसी फेस आधारित उपस्थिति के आधार पर किए जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश में एक लाख 35 हजार से अधिक नगरीय निकाय कर्मचारियों ने इस प्रणाली में अपना पंजीयन पूर्ण करा लिया है।

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