
- रवि खरे
अमेरिका में जैविक सामग्री तस्करी मामले में चीनी वैज्ञानिक दोषी, होगा निर्वासन
अमेरिका के मिशिगन में जैविक सामग्री की तस्करी के मामले में गिरफ्तार एक चीनी वैज्ञानिक ने बुधवार को अदालत में अपना अपराध कबूल कर लिया। हालांकि अदालत ने उसे पहले से जेल में बिताए पांच महीने की सजा को ही अंतिम माना और अब उसे रिहा कर चीन वापस भेजा जाएगा। 33 वर्षीय यूनकिंग जियान, जो यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन की एक लैब में अस्थायी शोधकर्ता के रूप में काम कर रही थीं, को जून 2024 में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने प्रेमी जुनयोंग लियू के साथ मिलकर अमेरिका में एक खतरनाक फफूंदी (फंगस) लाने की साजिश रची थी। यह फफूंदी फ्यूजेरियम ग्रामिनेरम नाम के एक रोगजनक है, जो गेहूं, जौ, मक्का और चावल जैसी फसलों पर हमला कर सकती है और उन्हें बर्बाद कर सकती है। यह फफूंदी अमेरिका के कुछ इलाकों में मौसम और फसल की परिस्थितियों पर निर्भर करते हुए पहले से मौजूद होती है, लेकिन इसे विदेश से बिना सरकारी अनुमति लाना कानूनन अपराध है।
अमेरिकी टैरिफ से निपटने के लिए केंद्र का बड़ा कदम, 45,000 करोड़ की मंजूरी
केंद्र सरकार ने अमेरिका के भारी टैरिफ के असर से निपटने में निर्यातकों की मदद के लिए 45,000 करोड़ रुपये की दो योजनाओं को मंजूरी दी है। इसमें 25,060 करोड़ रुपये के निर्यात संवर्धन मिशन का मकसद भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा क्षमता को मजबूत करना है। दूसरी, निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीएसई) है, जिसमें 20,000 करोड़ रुपये तक की संपाश्र्विक-मुक्त ऋण सहायता सुनिश्चित की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ये निर्णय किए गए। निर्यात संवर्धन मिशन के तहत अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित क्षेत्रों वस्त्र, चमड़ा, रत्न एवं आभूषण, इंजीनियरिंग सामान और समुद्री उत्पाद को मदद दी जाएगी। इसमें खासकर पहली बार निर्यात करने वाले और श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए सूक्ष्म, लघु, मध्य उद्यम (एमएसएमई) को मदद मिलेगी। यह मिशन इस वित्त वर्ष से शुरू होगा और छह वित्त वर्ष के लिए होगा। इस कदम से निर्यातकों को अमेरिका के लगाए गए भारी टैरिफ से निपटने में मदद मिलेगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मिशन को दो उपयोजनाओं 10,401 करोड़ के निर्यात प्रोत्साहन एवं 14,659 करोड़ रुपये के निर्यात दिशा योजना के जरिये क्रियान्वित किया जाएगा।
अमेरिका ने ईरान को मदद देने पर, भारत समेत 7 देशों की 32 कंपनियों पर प्रतिबंध
अमेरिका ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए भारत सहित सात देशों की 32 कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इन देशों में चीन, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्किये, ईरान और अन्य शामिल हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि ये संस्थान और व्यक्ति ईरान के मिसाइल और मानव रहित हवाई वाहन निर्माण में सहयोग करने वाले कई अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति नेटवर्क का हिस्सा हैं। यह कदम ईरान की ओर से अपनी परमाणु प्रतिबद्धताओं के गंभीर उल्लंघन के जवाब में संयुक्त राष्ट्र के पुन: लगाए गए प्रतिबंधों को समर्थन देने के तहत उठाया गया है। प्रतिबंधित संस्थानों में भारत की फार्मलेन प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है, जिस पर आरोप है कि उसने यूएई स्थित एक फर्म के साथ मिलकर सोडियम क्लोरेट और सोडियम परक्लोरेट जैसी सामग्रियों की आपूर्ति में मदद की। अमेरिकी उप वित्त मंत्री जॉन के हर्ले ने कहा कि ईरान वैश्विक वित्तीय प्रणाली का दुरुपयोग कर हथियार निर्माण के लिए जरूरी सामग्री और धन जुटा रहा है।
बंगाल में 34 लाख आधार धारक मृत पाए गए, अधिकारियों ने चुनाव आयोग को दी जानकारी
पश्चिम बंगाल में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के अधिकारियों ने चुनाव आयोग को सूचित किया है कि राज्य में लगभग 34 लाख आधार कार्ड धारकों को मृत पाया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यूआईडीएआई अधिकारियों ने बताया कि 2009 में आधार शुरू होने के बाद से पहचाने गए इन मृत व्यक्तियों का विवरण चुनाव आयोग के साथ साझा किया जा चुका है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि 13 लाख अन्य मृत व्यक्तियों की भी पहचान की गई है, जिनके पास आधार कार्ड नहीं था। एक बार डाटा का दोबारा सत्यापन हो जाने के बाद, इन मृत व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह जानकारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान सामने आई है।
