बिच्छू राउंडअप/आज आरबीआई फिर बढ़ा सकता है रेपो रेट, महंगी एटकसे बिगड़ेगा बजट

  • नगीन बारकिया
 आरबीआई

आज आरबीआई फिर बढ़ा सकता है रेपो रेट, महंगी एटक से बिगड़ेगा बजट
भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक खत्म हो गई है और आज 10 बजे आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास नई मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करेंगे। वैश्विक परिस्थितियों के चलते महंगाई दर को काबू में करने और अंतर्राष्ट्रीय सेंट्रल बैंकों के रुझान को देखते हुए यह माना जा रहा है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि रेपो रेट 0.35 फीसदी से 0.50 फीसदी के बीच बढ़ सकता है। रेपो रेट बढ़ने से सभी बैंकों के लोन महंगे हो जाएंगे। आर्थिक फर्म बार्कलेज के मुताबिक जुलाई में खुदरा महंगाई 6.6 फीसदी रह सकती है, जो फइक के तय दायरे 2 से 6 फीसदी की तुलना में आंशिक रूप से ज्यादा हो सकती है। आज यदि आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है तो यह तीसरी बार होगा जब ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी। आपको बता दें कि दर बढ़ाने के मामले में भारत फिलहाल दुनिया में 8वें नंबर पर है।

इलाज के अभाव में गरीब नहीं मरना चाहिए, आयुष्मान भारत गेमचेंजर: मनसुख मंडाविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने द इंडियन एक्सप्रेस के स्पेशल इंटरव्यू सीरीज एक्सप्रेस अड्डा के नवीनतम संस्करण में, भारत के विशाल वैक्सीन अभियान, प्रिवेंटिव मॉड्यूल और डिजिटल हेल्थ मिशन के जरिए कैसे उपचार को सुलभ और सस्ता बनाया जा सकता है, इन विषयों पर बात की। भारत के कोविड-19 टीकाकरण अभियान की सफलता पर उन्होंने कहा, मैं इस सफलता को केवल 18 महीने में 200 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने के चश्मे से नहीं देखता। भारत के कोविड टीकाकरण अभियान की सफलता की कहानी वैक्सीन के रिसर्च, उसके डेवलपमेंट और प्रोडक्शन, स्वदेशी संसाधनों के विकास, वितरण और प्रशासन पर बनी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, संक्षेप में यह आत्मनिर्भर भारत को परिभाषित करता है। जब 17 सितंबर, 2021 को मध्यरात्रि तक कोविड वैक्सीन की 2.5 करोड़ से अधिक खुराकें दी गईं, तो यह एक दिन का सर्वोच्च टीकाकरण बन गया।

त्योहारों पर जेब नहीं करनी होगी ढीली, खाने के तेल की कीमत में बड़ी गिरावट
देश में खाने-पीने की चीजों पर बढ़ती महंगाई के बीच आम लोगों के लिए राहत भरी खबर है। त्योहार से पहले खाने के तेल की कीमत में बड़ी गिरावट हो सकती है। सरकार ने तेल कंपनियों को यह नोर्देश दिया है कि तेल की कीमत को तत्काल कम किया जाए। दरअसल, खाद्य तेल की कीमतों को लेकर कंपनियों के साथ खाद्य सचिव की बैठक में इस पर फैसला लिया गया है। सरकार ने तेल कंपनियों को निर्देश दिये हैं कि अगले दो हफ्तों में कीमतों में 10 रुपये की कटौती करें। गौरतलब है कि खाद्य मंत्रालय ने बीते महीने में वैश्विक कीमतों में गिरावट के बीच खाना पकाने वाले तेल की खुदरा कीमतों में और कमी की संभावना पर चर्चा के लिए खाद्य तेल निर्माताओं और व्यापार निकायों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कई मुद्दों पर बात हुई। आपको बता दें कि बीते मई महीने के बाद यह इस तरह की तीसरी बैठक थी। दरअसल, पाम तेल के सबसे बड़े निर्यातक इंडोनेशिया की तरफ से शिपमेंट पर प्रतिबंध हटाने के बाद सूरजमुखी और सोया तेलों की आपूर्ति आसान हो गई है। इस वजह से वैश्विक खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट देखी गई है। खाद्य मंत्रालय के सूत्रों ने एफई को बताया कि उद्योग को इसका लाभ उपभोक्ताओं को देना होगा। एक अधिकारी ने कहा, खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में अभी और कमी की गुंजाइश है।

अमीर लोग छोड़ रहे हैं यूएस, ब्रिटेन, चीन और भारत, जा रहे हैं दुबई, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर
कई देशों में करोड़पतियों की संख्या में इजाफा हो रहा है लेकिन इन अमीरों को अपने देश में दिल नहीं लग रहा और ये अपने देश छोड़कर दूसरे देशों की ओर जा रहे हैं। नए रिसर्च से पता चलता है कि नए देशों में स्थानांतरित होने वाले करोड़पतियों की संख्या एक ट्रेंड है जिसमें कोरोना काल में कुछ हद तक गिरावट आई है। निवेश सलाहकार फर्म हेनले एंड पार्टनर्स और वेल्थ इंटेलिजेंस फर्म न्यू वर्ल्ड वेल्थ द्वारा संयुक्त रूप से बनाई गई हेनले ग्लोबल सिटीजन रिपोर्ट से पता चलता है कि रूस और यूक्रेन हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल यानी एचएनडब्ल्यूआई के सबसे बड़े पलायन का अनुभव कर रहे हैं। पारंपरिक रूप से धनी निवेशकों को आकर्षित करने वाले डेस्टिनेशन, विशेष रूप से यूके और यूएस अपनी चमक खो रहे हैं। स्टीफन ने कहा, साल के अंत तक 88 हजार करोड़पतियों के नए देशों में स्थानांतरित होने की उम्मीद है, हालांकि 2019 की तुलना में 22,000 कम होगी। अगले साल रिकॉर्ड स्तर 1,25,000 करोड़पतियों के माइग्रेशन की उम्मीद है।

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