बिच्छू राउंडअप/नवंबर में खुदरा महंगाई दर बढक़र पहुंची 0.71 फीसदी

  • रवि खरे

नवंबर में खुदरा महंगाई दर बढक़र पहुंची 0.71 फीसदी
नवंबर महीने की रिटेल इन्फ्लेशन रिपोर्ट सामने आ गई है। इसमें साफ दिख रहा है कि लोगों की जेब पर दबाव और बढ़ गया है। जहां पिछले महीने खुदरा महंगाई 0.25 फीसदी थी, वह नवंबर में बढक़र 0.71 फीसदी पर पहुंच गई है। सबसे बड़ा झटका सब्जियों और दालों की कीमतों में भारी उछाल से लगा है। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, शहरी और ग्रामीण दोनों ही इलाकों में महंगाई बढ़ी है। कोर इन्फ्लेशन हालांकि स्थिर रही है, लेकिन खाद्य महंगाई में तेज उछाल आने वाले महीनों की चिंताओं को बढ़ा रहा है। नवंबर में शहरी महंगाई दर 0.88 से बढक़र 1.40 फीसदी पर पहुंच गई है। यानी शहरों में रहने वाले लोगों के लिए रोजमर्रा के खर्च पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़े हैं। यातायात, किराना, मेडिकल और अन्य सेवाओं की लागत ने शहरी उपभोक्ताओं के बजट पर दबाव बढ़ाया है। ग्रामीण महंगाई दर -0.25 से बढक़र 0.10 फीसदी पर पहुंच गई है। गांवों में कीमतें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं। परिवहन, खाद्य वस्तुओं और घरेलू सामान की बढ़ती लागत इसकी मुख्य वजह रही है।
सोनिया जी! खडग़े को हटाइए, प्रियंका को सौंपें कमान: पूर्व विधायक
कांग्रेस में अंदरूनी कलह एक बार फिर सामने आ गई है। पार्टी के भीतर टीम राहुल और टीम प्रियंका के बीच टकराव अब साफ दिखाई देने लगा है। यह विवाद उस समय उभरा जब ओडिशा के पूर्व कांग्रेस विधायक मोहम्मद मोकिम ने कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को हटाने की मांग की। उन्होंने लिखा कि खडग़े की उम्र अब पार्टी को प्रभावी नेतृत्व देने के लिए उपयुक्त नहीं है। कांग्रेस को युवा चेहरों की जरूरत है। प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे युवा नेताओं को पार्टी में प्रमुख भूमिका दी जानी चाहिए। पूर्व विधायक ने कहा-मुझे विश्वास है कि सोनिया गांधी और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेंगे।  
देश की 75 फीसदी आबादी भूकंप वाले क्षेत्रों में, तो क्या सबको चांद पर भेज दें: सुप्रीम कोर्ट
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक असामान्य बहस हुई, जब एक याचिकाकर्ता ने दावा किया कि देश की 75 फीसदी आबादी उच्च भूकंपीय क्षेत्र में आती है। यह स्थिति बेहद गंभीर है। सरकार को भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने याचिकाकर्ता की दलीलें सुनी, लेकिन स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह से नीति का मामला है। पीठ ने बात सुनते हुए मुस्कराहट के साथ कहा- तो क्या सबको चांद पर भेज दें। अदालत ने यह टिप्पणी यह स्पष्ट करने के लिए की कि हर जोखिम का जवाब असाधारण कदम नहीं होता। न्यायालय नीति संबंधी निर्णयों पर सीधा हस्तक्षेप नहीं कर सकता। जब याचिकाकर्ता ने जापान में आए हालिया भूकंप का जिक्र किया, तो अदालत ने कहा-वहां ज्वालामुखी सक्रिय हैं, जिसकी तुलना भारत से नहीं की जा सकती। पीठ ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों की परिस्थितियां अलग हैं। अखबारों की खबरें कोर्ट लिए आधार नहीं बन सकतीं, क्योंकि वे हमेशा निर्णायक नहीं होतीं। अंत में अदालत ने कहा-सुरक्षा उपायों की योजना बनाना सरकार की जिम्मेदारी है। कोर्ट प्रशासनिक निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
दो चरण में होगी जनगणना, 11,718 करोड़ मंजूर, प्रति व्यक्ति 97 रुपए खर्च आएगा
देश में 2027 में पहली बार जनगणना डिजिटली होगी। केंद्र ने शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में इसके लिए 11,718.24 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। इसके मुताबिक एक व्यक्ति की जनगणना पर सरकार के करीब 97 रुपए खर्च होंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 30 लाख कर्मचारी डिजिटल जनगणना पूरी करेंगे। यह सीएएएस सॉफ्टवेयर से होगी। इसका डिजाइन डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जनगणना दो चारण में होगी। पहला-1 (अप्रैल-सितंबर 2026) में घरों की लिस्टिंग और गिनती होगी। दूसरा-2 (फरवरी 2027) में आबादी की गिनती होगी। कैबिनेट ने कोल सेतु विंडो को मंजूरी दी है। इसके तहत अलग-अलग इंडस्ट्रियल इस्तेमाल और एक्सपोर्ट के लिए कोल लिंकेज की नीलामी, सही पहुंच और रिसोर्स का सबसे अच्छा इस्तेमाल पक्का करना है। सरकार ने 2026 के लिए कोपरा एमएसपी को मंजूरी दी। 2026 सीजन के लिए फेयर एवरेज क्वालिटी मिलिंग कोपरा के लिए एमएसपी 12,027 रुपए प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 12,500 रुपए क्विंटल तय किया गया है।

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