बिच्छू राउंडअप/भारत में आर्थिक मंदी का कोई खतरा नहीं: निर्मला सीतारमण का दावा

निर्मला सीतारमण

भारत में आर्थिक मंदी का कोई खतरा नहीं: निर्मला सीतारमण का दावा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत की जीडीपी के दोहरे अंकों के विकास की संभावना पर बल देते हुए कहा कि हमारा देश दूसरों के मुकाबले काफी मजबूत स्थिति में है और हमें अब उन वर्गों की मदद करने के लिए आगे आना होगा, जिन्हें हमारी जरूरत है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त मंत्री ने शनिवार को कहा कि भारत के मंदी में जाने की आशंका शून्य है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत की विकास दर दोहरे अंकों में रहेगी। सरकार ने इसे लेकर काफी काम किया है…. जिस कारण मंदी का कोई भी खतरा नहीं है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछले एक साल में सबसे तेज गति से विकास किया है। इस दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ी है और इसके साथ आरबीआई की ओर से महंगाई कम करने के प्रयासों का भी असर दिखाई दिया है। सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की विकास दर इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के बीच 13.5 फीसदी रही है, जो कि पिछले साल 20.1 फीसदी थी।

गुलाम नबी आजाद आज जम्मू में दिखा रहे हैं अपनी ताकत
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कांग्रेस छोड़ने के बाद जम्मू में पहली रैली करने जा रहे हैं। जम्मू के सैनिक फॉर्म में आजाद एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे। दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस को और बड़ा झटका लगने वाला है क्योंकि 200 के करीब कांग्रेसी कार्यकर्ता गुलाम नबी आजाद के समर्थन में त्याग पत्र सौंपेंगे। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद समेत एक दर्जन के करीब पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक पहले ही कांग्रेस को छोड़कर आजाद को समर्थन दे चुके हैं और रविवार को कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों के नेता भी गुलाम नबी आजाद की रैली में शामिल होकर आजाद द्वारा गठित की जा रही नई राजनीतिक पार्टी में शामिल होंगे। गौरतलब है कि 73 वर्षीय आजाद 26 अगस्त को इस्तीफा देकर कांग्रेस से 50 साल पुराना अपना संबंध तोड़ लिया था। इस्तीफे के साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी के पतन के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा था कि जब से राहुल गांधी के हाथ में कांग्रेस की ताकत आई तब से पार्टी लगातार पतन की ओर जा रही है। इसके लिए राहुल गांधी की बचकानी हरकतें जिम्मेदार हैं। इस्तीफे के बाद उन्होंने नई पार्टी बनाने की घोषणा की थी।

मथुरा-काशी के बाद जामा मस्जिद पर बवाल हिंदू पक्ष ने शिव मंदिर होने का किया दावा
उत्तर प्रदेश में मथुरा और काशी के बाद अब बदायूं की जामा मस्जिद के मालिकाना हक के लिए कोर्ट में एक वाद दाखिल किया गया है सिविल जज सीनियर डिवीजन फर्स्ट के यहां वाद दाखिल किया गया है, जिसमें जामा मस्जिद को नीलकंठ महादेव मंदिर बताया गया है जिसके साक्ष्य भी कोर्ट में प्रस्तुत किए गए हैं कोर्ट ने इस मामले में अब अगली तारीख 15 सितंबर लगा दी है बदायूं जिले सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला सोथा के जामा मस्जिद को नीलकंठ महादेव का मंदिर होने का दावा किया गया है। इसे लेकर सिविल जज के यहां पर वाद दायर किया गया है। यह वाद मुकेश पटेल जो हिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक हैं उन्होंने कोर्ट में कई साक्ष्य उपलब्ध कराते हुए प्रस्तुत किया है, जिसमें जामा मस्जिद को नीलकंठ महादेव का मंदिर बताया गया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट ने अब इस केस की सुनवाई 15 सितंबर को तय की है वहीं कोर्ट ने मस्जिद की इंतजामिया कमेटी को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।

टूटेंगे उर्मिला मातोंडकर के एमएलसी बनने के सपने, उद्धव की सिफारिशों का शिंदे का विरोध
उर्मिला मातोंडकर के एमएलसी बनने के सपनों पर ग्रहण लगता दिख रहा है। ऐसा इसलिए कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र भेजकर कहा है कि उद्धव ठाकरे के सीएम रहते हुए राज्यपाल कोटे से विधान परिषद के लिए भेजे गए 12 नामों की सिफारिश रद्द की जाए। इस बात की पूरी संभावना है कि राज्यपाल जल्द ही नई सरकार को सूची रद्द करने का पत्र देंगे। इसके बाद शिंदे-भाजपा सरकार द्वारा नए सिरे से 12 नामों की सिफारिश की जाएगी। मुख्यमंत्री रहते हुए उद्धव ठाकरे ने जिन 12 नामों की सिफारिश गवर्नर कोश्यारी से की थी उनमें शिवसेना से उर्मिला मातोंडकर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से एकनाथ खडसे जैसे नाम शामिल हैं। आपको बता दें कि गवर्नर के पास लंबे समय से यह सिफारिश लंबित थी। महाराष्ट्र में हाल में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद से ही राज्यपाल द्वारा विधान परिषद सदस्य के लिए नियुक्त किए जाने वाले 12 नामों पर नए सिरे विचार करने की चर्चा हो रही थी।

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