
भारत रत्न और पद्मश्री-पद्म भूषण जैसे सम्मान कोई उपाधि नहीं
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि भारत रत्न, पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण जैसे नागरिक सम्मान कोई उपाधि (टाइटल) नहीं हैं। ऐसे में इन्हें किसी के नाम के आगे या पीछे नहीं लगाया जा सकता है। कोर्ट ने यह बात एक याचिका के केस टाइटल में पद्मश्री लिखे जाने पर कही। दरअसल, जस्टिस सोमशेखर सुंदरेसन की बेंच याचिका की सुनवाई कर रही थी। इसमें 2004 में पद्मश्री से सम्मानित डॉ. शरद मोरेश्वर हार्डिकर भी एक पक्षकार थे। केस टाइटल में उनका नाम पद्मश्री डॉ. शरद मोरेश्वर हार्डिकर लिखा गया था। इस पर जज ने आपत्ति जताई। साथ ही कहा कि कानून के अनुसार ऐसा करना गलत है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने 1995 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले का जिक्र किया। उस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि पद्म पुरस्कार और भारत रत्न उपाधि नहीं हैं और इन्हें नाम के आगे या पीछे इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। जस्टिस सुंदरेसन ने कहा-सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत सभी पर लागू होता है। इसका सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि आगे की कानूनी कार्यवाही में सभी पक्ष और अदालतें इस नियम का पालन करें।
खजुराहो एयरपोर्ट बना देश का नंबर-1 हवाई अड्डा
मध्यप्रदेश के खजुराहो एयरपोर्ट ने देश के सभी हवाई अड्डों को पीछे छोड़ते हुए नंबर 1 स्थान हासिल किया है। यहां सबसे बड़ी बात यह है कि खजुराहो एयरपोर्ट ने दिल्ली, मुंबई से महानगरों के हवाई अड्डों को पीछे छोड़ दिया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा जारी-2025 के यात्री संतुष्टि सर्वे में खजुराहो एयरपोर्ट को यात्रियों की संतुष्टि के आधार पर शीर्ष स्थान दिया गया। इस सर्वे में यात्रियों ने सुविधाओं और स्टाफ के व्यवहार के लिए इसे सर्वोच्च अंक दिए। एएआई के यात्री संतुष्टि सर्वे राउंड-2 में एयरपोर्ट का मूल्यांकन स्वच्छता, सुरक्षा और यात्री सुविधाओं जैसे मानकों पर किया गया। सर्वे में यात्रियों से एयरपोर्ट स्टाफ के व्यवहार और उपलब्ध सुविधाओं पर प्रतिक्रिया ली गई। आंकड़ों के अनुसार स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा के हर पैमाने पर खजुराहो एयरपोर्ट को उच्चतम अंक प्राप्त हुए।
भाजपा का सूखा खत्म! केरल में पहली बार बना भाजपा का मेयर
भाजपा ने केरल की राजनीति में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर पार किया है। शुक्रवार को वीवी राजेश ने राजधानी तिरुवनंतपुरम के मेयर के रूप में शपथ ली, जो राज्य के किसी भी नगर निगम में भाजपा की पहली जीत है। इस जीत के साथ ही राजधानी के नगर निकाय पर माकपा का पिछले 45 सालों से चला आ रहा वर्चस्व समाप्त हो गया है। दरअसल, केरल में पहली बार भाजपा का महापौर चुना गया है। तिरुवनंतपुरम नगर निगम में शुक्रवार को हुए मेयर चुनाव में भाजपा के वीवी राजेश को 51 वोट मिले। जिसमें एक निर्दलीय पार्षद का समर्थन भी शामिल था। एलडीएफ के पी शिवाजी को 29 वोट, जबकि कांग्रेस गठबंधन (यूडीएफ) उम्मीदवार केएस सबरिनाथन को 19 वोट मिले। जिनमें से दो को बाद में अमान्य घोषित कर दिया गया। गौरतलब है कि नौ दिसंबर को तिरुवनंतपुरम नगर निगम के 101 वार्डों का रिजल्ट आया था। 50 वार्डों पर भाजपा जीती थी। पिछले 45 साल से यहां वाम लोकतांत्रिक मोर्चा का कब्जा था। एलडीएफ ने 29 और कांग्रेस गठबंधन ने 19 वार्ड जीते थे। वहीं पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद मेयर वीवी राजेश ने कहा- हम सबको साथ लेकर चलेंगे और शहर के सभी 101 वार्डों का समान विकास करेंगे। उनका लक्ष्य तिरुवनंतपुरम को एक आधुनिक और विकसित शहर में बदलना है।
हानिकारक रसायनों पर प्रतिबंध अगरबत्ती अब सुरक्षित होंगी
घर-घर की पूजा-अर्चना, मंदिरों की आरती और ध्यान-साधना की परंपरा से जुड़ी अगरबत्तियां अब आस्था के साथ सेहत के लिए भी सुरक्षित होंगी। लंबे समय से अगरबत्ती बनाने में मिलाए जा रहे हानिकारक रसायनों को लेकर उठ रही चिंताओं के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अगरबत्ती निर्माण के लिए नया भारतीय मानक जारी किया है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा अगरबत्ती उत्पादक और निर्यातक देश है। करीब आठ हजार करोड़ रुपए का यह उद्योग लाखों कारीगरों और महिलाओं को रोजगार देता है। नए मानक से अगरबत्तियों की विश्वसनीयता बढ़ेगी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मांग भी मजबूत होगी। यह मानक भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य अगरबत्ती निर्माण को शुद्ध, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है।
