
- रवि खरे
छह दशकों की सेवा के बाद मिग-21 को भारतीय वायु सेना कहेगी अलविदा…
इंडियन एयरफोर्स के लड़ाकू विमान मिग-21 ने विभिन्न युद्धों में अपने अदम्य साहस का परिचय दिया है। यह विमान जहां एक ओर युद्धों में गेमचेंजर रहा वहीं उड़ता ताबूत और विडो मेकर कहकर इसे बदनाम भी किया गया। साल 1965 से लेकर बालाकोट एयर स्ट्राइक तक विभिन्न अभियानों के तहत इस लड़ाकू विमान ने अहम भूमिका निभाई। ऑपरेशन सिंदूर में भी यह विमान पूरी तरह अलर्ट मोड में था और इसकी लड़ाकू रैकी जारी थी। 26 सितंबर को यह विमान 62 साल के सफर के बाद इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा। इसकी विदाई इसके सबसे पहले घर चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन से ही होगी। यह विमान एयरफोर्स के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक रहा है। विभिन्न युद्धों में मिग-21 के ऐतिहासिक योगदान की बात करें तो सबसे पहले इस विमान ने साल 1965 के भारत-पाक युद्ध में हिस्सा लिया था। उसके बाद साल 1971 के युद्ध में भी यह विमान गेमचेंजर बना। वर्ष 1999 में ऑपरेशन सफेद सागर के दौरान कारगिल में भी इस विमान ने कौशल दिखाया। इस दौरान मिग-21 ने भारतीय इलाके में घुसपैठ कर रहे पाकिस्तान नेवल एयर आर्म के अटलांटिक विमान को मार गिराया था। वर्ष 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। उस दौरान भी इस लड़ाकू विमान की भूमिका अहम रही।
वांगचुक के एनजीओ से निकल कंपनी और फिर निजी खातों में पहुंची रकम
पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की विदेशी फंडिंग के जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उनसे करोड़ों की फंडिंग, खातों को छिपाने के मामले में उनकी नीयत और लद्दाख में हालात बिगाडऩे की साजिश के सूत्र जुड़ते दिख रहे हैं। केंद्र सरकार ने वित्तीय अनियमितताओं के चलते वांगचुक के एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है। दान और आंदोलन के नाम पर जुटाई गई रकम गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) से निकलकर निजी कंपनी में पहुंची, और वहां से सीधे निजी खातों व विदेशों तक। वांगचुक दावा जनहित का करते रहे हैं, पर हकीकत में पैसों का खेल सामने आया है। सीबीआई दो माह से एफसीआरए उल्लंघन मामले की जांच कर रही है। सबसे पहले बात सोनम वांगचुक की संस्था हिमालयन इंस्टीट्यूट्स ऑफ अल्टरनेटिव्स (एचआईएएल) की करते हैं। दस्तावेज बताते हैं कि इस संस्था को 2023-24 में करीब 6 करोड़ रुपये का चंदा मिला था, पर अगले ही साल यह रकम बढक़र 15 करोड़ से भी ज्यादा हो गई। मतलब एक साल में दान दोगुना।
203 सीटों पर लड़ेगी भाजपा-जदयू, सहयोगियों में बंटेंगी 40, फॉर्मूला तय
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजग में सीट बंटवारे का फार्मूला तय हो गया है। तय फार्मूले के मुताबिक भाजपा 101, जदयू 102 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। शेष 40 सीटें तीन अन्य सहयोगियों लोजपा (आर), हम और आरएलएम के बीच बंटेंगी। सीट बंटवारे की आधिकारिक घोषणा तीनों सहयोगियों की सीटों पर सहमति बनाने और चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद की जाएगी। हालांकि इतना तय है कि लोजपा (आर) को अधिकतम 25 सीटों पर संतोष करना होगा। भाजपा सूत्रों के मुताबिक सीटों की संख्या के सवाल पर जदयू के इतर अन्य तीन दलों से विमर्श का दौर जारी है। पार्टी चाहती है कि 25 सीटें लोजपा (आर), आठ से दस सीटें हम और पांच सीटें आरएलएम को मिले। हालांकि लोजपा (आर) कम से कम 40 तो हम एक दर्जन सीटों की मांग कर रही है। उक्त सूत्र ने कहा कि फिलहाल यह तय है कि भाजपा और जदयू 203 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। शेष चालीस सीटें अन्य सहयोगियों में बंटेंगी। भाजपा में उम्मीदवारों का पैनल तैयार करने का सिलसिला जारी है।
अक्टूबर से दिसंबर तक कम होगी ठंड, कई जगह बाढ़ व तूफान का खतरा
भारत में आगामी तीन महीनों के दौरान सामान्य से अलग मौसम पैटर्न देखने को मिलेगा। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होगी, लेकिन उत्तर भारत में सामान्य से कम वर्षा होगी। जबकि तापमान सामान्य से ऊपर रहने की आशंका है। कमजोर ला नीना जैसी परिस्थितियां बनने से कहीं अतिरिक्त बारिश और ठंडी हवाएं तो कहीं उमस और गर्मी की स्थिति पैदा हो सकती है। यह परिदृश्य कृषि और जल संसाधनों के लिए राहतकारी तो होगा, लेकिन बाढ़, तूफान और जलभराव जैसी आपदाओं का खतरा भी बढ़ाएगा। वहीं, उत्तर भारत में सर्दियों का असर कमजोर पड़ सकता है और ठंड सामान्य से कम होगी। रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना। पूर्वी यूपी और बिहार में औसत या हल्की अधिक वर्षा हो सकती है।