- रवि खरे

‘जो लोग दादागिरी कर रहे हैं, वे..’, ट्रंप की टैरिफ वाली धमकियों पर बोले- गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वैश्विक मंच पर दादागिरी करने वाले देश अपनी आर्थिक ताकत और तकनीकी बढ़त की वजह से ऐसा कर पा रहे हैं। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर तनातनी चल रही है। नागपुर स्थित विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) में बोलते हुए गडकरी ने भारत से निर्यात बढ़ाने, आयात कम करने और आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, जो लोग दादागिरी कर रहे हैं, वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वे आर्थिक रूप से मजबूत हैं। उनके पास तकनीक है। अगर हमें बेहतर तकनीक और संसाधन मिलेंगे तो हम किसी पर धौंस नहीं जमाएंगे, क्योंकि हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि विश्व कल्याण सबसे महत्वपूर्ण है। गडकरी ने कहा, आज दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान विज्ञान, तकनीक और ज्ञान है। अगर हम इन तीनों का इस्तेमाल करें, तो हमें दुनिया के आगे कभी झुकना नहीं पड़ेगा। अनुसंधान केंद्रों, आईआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों को देश की जरूरतों को ध्यान में रखकर शोध करना चाहिए। सभी जिलों, राज्यों और क्षेत्रों में अलग-अलग चीजें होती हैं। हमें सबको ध्यान में रखकर काम करना होगा। अगर हम लगातार ऐसा काम करते रहेंगे, तो हमारे देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर तीन गुना तक बढ़ जाएगी।
रूस से तेल खरीदने के चलते चीन पर भी टैरिफ लगा सकते हैं ट्रंप: जेडी वेंस
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर भारी-भरकम टैरिफ लगा दिया है। अब ट्रंप, चीन पर भी रूस से तेल खरीदने के लिए टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं। ये कहना है अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का। एक इंटरव्यू में जेडी वेंस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप, चीन पर टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी तय नहीं है। वेंस से पूछा कि अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर भारी-भरकम टैरिफ लगाए हैं तो क्या अमेरिका, चीन के खिलाफ भी ऐसी कोई कार्रवाई कर सकता है? इस पर वेंस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस पर विचार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने इस पर कोई फैसला नहीं किया है। चीन का मुद्दा थोड़ा जटिल है क्योंकि चीन से हमारे रिश्ते ही कुछ ऐसे हैं। रूस की स्थिति को छोड़ दें तो भी चीन पर टैरिफ लगाने से कई अन्य चीजें भी बिगड़ सकती हैं। इसलिए राष्ट्रपति ट्रंप फिलहाल इस पर विचार कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है।
भारतीय उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद करना पाक को पड़ा भारी, 1269 करोड़ का नुकसान
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की कार्रवाई का जवाब पाकिस्तान के लिए अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा साबित हो रहा है। भारतीय विमानन कंपनियों के लिए हवाई क्षेत्र बंद होने से पाकिस्तान हवाईअड्डा प्राधिकरण को दो महीने में 4.1 अरब पाकिस्तानी रुपये (करीब 1,268.82 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। पाकिस्तानी अंग्रेजी दैनिक डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को नेशनल असेंबली को सूचित किया कि भारत में पंजीकृत विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद होने से 4.1 अरब पाकिस्तानी रुपये का नुकसान हुआ है। पाकिस्तान मंत्रालय ने कहा कि यह नुकसान 24 अप्रैल से 30 जून के बीच का है। यह रकम कुल नुकसान नहीं, बल्कि सिर्फ कमाई में कमी को दिखाती है। इस दौरान हवाई क्षेत्र के उपयोग व हवाई सेवाओं से जुड़े शुल्कों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत व पाकिस्तान ने एक-दूसरे की विमानन कंपनियों के लिए अपने-अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए थे।
गाजा पर इजरायली हमले में अल जज़ीरा के 5 पत्रकारों की मौत
गाजा में इजरायल की तरफ से लगातार हवाई हमले जारी हैं। इस बीच, गाजा शहर में पत्रकारों द्वारा उपयोग किए जा रहे एक तंबू पर इजरायली हमले में कतर के मीडिया चैनल अल जजीरा अरबी के रिपोर्टर अनस अल-शरीफ की जान चली गई। उनके आखिरी पोस्ट में लिखा था, लगातार बमबारी हो रही है, दो घंटे से गाजा शहर पर इजरायली आक्रमण तेज हो गया है। अल जज़ीरा के मुताबिक, 28 साल के अल-शरीफ की मौत तब हुई, जब गाजा शहर में अल-शिफा अस्पताल के मेन गेट के बाहर पत्रकारों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे एक तंबू पर इजराइली हवाई हमला हुआ। अल-शिफा अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के बाहर एक तंबू को निशाना बनाकर किए गए इस हमले में कुल सात लोगों की मौत हो गई। अल जज़ीरा ने इसी हमले में संवाददाता मोहम्मद केरीकेह, कैमरा ऑपरेटर इब्राहिम ज़हेर, मोहम्मद नौफल और मोआमेन अलीवा के साथ-साथ उनके असिस्टेंट मोहम्मद नौफल की मौत की पुष्टि की है।