बिच्छू राउंडअप/फिर तुर्की की कंपनी का निकला दम, झटके में 200 मिलियन डॉलर स्वाहा

तुर्की
  • रवि खरे

फिर तुर्की की कंपनी का निकला दम, झटके में 200 मिलियन डॉलर स्वाहा
तुर्की का पाकिस्तान प्रेम उसपर लगातार भारी पड़ रहा है। एक ओर जहां भारत में बायकॉट तुर्की मुहिम के तहत वहां के सामानों के बहिष्कार से आर्थिक चोट लग रही है, तो भारत में अपना कारोबार कर रही तुर्किश कंपनियों का बुरा हाल है। जी हां, बीते गुरुवार को ही भारत सरकार ने तुर्की की इस ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस प्रोवाइडर कंपनी सेलेबी एविएशन सिक्योरिटी क्लियरेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया था और भारत के इस एक्शन का ऐसा असर हुआ कि दो ही दिन में कंपनी की वैल्यूएशन एक तिहाई घट गई। यही नहीं कंपनी के भारत में काम कर रहे करीब ३800 कर्मचारियों की नौकरी भी संकट में आ गई। सबसे पहले बताते हैं कि आखिर तुर्की कैसे भारत के निशाने पर आया है। तो बता दें कि बीते 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान और पीओके में एयर स्ट्राइक कर तबाही मचाई गई। इससे बौखलाए पाक ने जब सीमा पर नापाक हरकत की, तो वहां भी उसे भारतीय प्रहार के चलते बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच चीन के साथ-साथ तुर्की ने भी पाकिस्तान का समर्थन किया। यही नहीं बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई आतंक विरोधी कार्रवाई की भी आलोचना की गई। जिसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव जारी है और भारत में बायकॉट तुर्की मुहिम जोर पकडऩे लगी।

सैफुल्लाह खालिद की रहस्यमयी मौत से लश्कर का नेपाल मॉड्यूल ध्वस्त
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी रजाउल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह खालिद को रविवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में तीन अज्ञात बंदूकधारियों ने मार गिराया। वो साल 2006 में आरएसएस मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था। उसने हिंदुस्तान में कई आतंकी हमले कराए थे। साल 2000 की शुरुआत में वो नेपाल से एलईटी के आतंकी गतिविधियों को संचालित करता था। उसके कई उपनाम जैसे कि गाजी, विनोद कुमार, मोहम्मद सलीम और रजाउल्लाह थे। जानकारी के मुताबिक, अबू सैफुल्लाह खालिद रविवार की दोपहर मतली स्थित अपने घर से निकला था। सिंध प्रांत के बदनी में एक क्रॉसिंग के पास हमलावरों ने उसे गोली मार दी। लश्कर के अबू अनस का करीबी सहयोगी खालिद नागपुर में आरएसएस मुख्यालय पर हमले का मास्टरमाइंड था। इस हमले में तीनों आतंकवादी मारे गए थे। इसके अलावा खालिद साल 2005 में बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान पर हुए आतंकवादी हमले में भी शामिल था।  

हैदराबाद को दहलाने की साजिश नाकाम आईएसआईएस से जुड़े 2 संदिग्ध अरेस्ट
तेलंगाना पुलिस ने आंध्र प्रदेश की पुलिस के साथ मिलकर एक बड़ी आतंकी साजिश को असफल कर दिया है। हैदराबाद में बम विस्फोट की कोशिश को नाकाम किया गया है।  आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की इस संयुक्त कार्रवाई में आईएसआईएस से जुड़े दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार भी किया गया है। इनमें से विजयनगरम से सिराज और हैदराबाद से समीर को अरेस्ट किया गया है। ये लोग कथित तौर पर हैदराबाद में डमी ब्लास्ट की योजना बना रहे थे। इस योजना के तहत सिराज ने विजयनगरम में विस्फोटक सामग्री हासिल किए। दोनों को सऊदी अरब में आईएसआईएस के मॉड्यूल से निर्देश मिले थे, जो इन्हें हैदराबाद में हमलों के लिए गाइड कर रहे थे। दोनों को कस्टडी में ले लिया गया है। तेलंगाना काउंटर इंटेलिजेंस और आंध्र प्रदेश इंटेलिजेंस के ’वॉइंट ऑपरेशन में इन्हें अरेस्ट किया गया।

9 देश, 12000 न्यूक्लियर बम, सिर्फ 500 से खत्म हो सकती है दुनिया
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस वक्त पूरी दुनिया में 19३ देश हैं। लेकिन 12 ऐसे भी देश हैं जो संयुक्त राष्ट्र के सदस्य नहीं हैं। यानी कुल मिलाकर दुनिया में 205 देश मौजूद हैं। इन 205 देशों में लगभग 7 अरब लोग रहते हैं। पूरी दुनिया 51 करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली है, लेकिन इसमें से 71 प्रतिशत हिस्सा यानी करीब ३6 करोड़ वर्ग किलोमीटर एरिया पानी से ढका है। जमीन केवल 15 करोड़ वर्ग किलोमीटर है, जिस पर ये सारे देश बसे हुए हैं। दुनिया को बार-बार एक ही डर से डराया जाता रहा है कि यदि न्यूक्लियर जंग छिड़ गई तो ये दुनिया खत्म हो जाएगी। 9 देशों के पास मौजूद परमाणु बमों की संख्या देखें, तो आंकड़े चौंकाने वाले हैं। बुलेटिन ऑफ एटोमिक साइंटिस्ट्स की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक रूस के पास 5,500, अमेरिका के पास 5,044, चीन के पास 500, फ्रांस के पास 290, ब्रिटेन के पास 225, भारत के पास 172, पाकिस्तान के पास 170, इजरायल के पास 90 और नॉर्थ कोरिया के पास 50 न्यूक्लियर बम हैं। यानी कुल मिलाकर 12041 न्यूक्लियर हथियार इन 9 देशों के पास हैं।

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